- मध्य प्रदेश में अब फिंगरप्रिंट का रिकॉर्ड चेक कर बनेंगे लाइसेंस और पासपोर्ट

भोपाल । मध्य प्रदेश क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के ऑटोमेटिक फिंगरप्रिंट आईडेंटिफिकेशन सिस्टम को शुरू कर दिया गया है। ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट बनाने के आवेदन के साथ ही अपराधियों की कुंडली से फिंगरप्रिंट मैच कराएं जाएंगे। यदि अपराधियों से फिंगरप्रिंट मिल गया तो ऐसे लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट बनने में रोक होगी।
जो लोग अपनी अपराधिक कृतयों को छुपाकर ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट बनवा लेते हैं। अब उनके लिए आसान नहीं होगा। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत खरगोन रायसेन और आगर मालवा में पासपोर्ट के आवेदन के लिए यह अनिवार्य किया गया है। इसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंसशस्त्र लाइसेंस और पासपोर्ट इत्यादि में क्राइम रिकॉर्ड का उपयोग बड़े पैमाने पर शुरू हो जाने से अपराधियों पर नियंत्रण रखा जा सकेगा।




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