- वर्ष 2022 के जनवरी से नवंबर माह तक के 11 महीने में 50 लोगों की हत्या हुई

भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वर्ष 2022 के जनवरी से नवंबर माह तक के 11 महीने में 50 लोगों की हत्या हुई। इसमें 16 हत्याएं परिवार के सदस्यों के द्वारा ही की गई। 19 हत्या पानी और नाली जैसे विवादों के कारण पड़ोसियों में हुए झगड़े के कारण हुई। मात्र 15 हत्या अपराध के कारण घटित हुई हैं।
मध्यप्रदेश के भोपाल में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है। पुलिस आयुक्त के अधीन 34 थाने आते हैं। 4 जोन हैं। पिछले 11 महीने के लेखा-जोखा में पिछले 4 वर्षो की अपेक्षा पुलिस आयुक्त प्रणाली में अपराधों की स्थिति को लेकर जो जानकारी सामने आई है। उसके अनुसार अपराधों में पिछले वर्षों की तुलना में नियंत्रण होना पाया गया है।
- 2018 में भोपाल में कुल 52 हत्याएं हुई थी। इसमें 6 आदतन अपराधियों द्वारा14 पारिवारिक विवाद और पड़ोसियों के विवाद मे 6 अन्य कारणों से 26 हत्या हुई थी।
- 2019 में कुल 53 हत्याएं भोपाल में हुई थी। इसमें 8 आदतन अपराधियों के द्वारा की गई थी। 11 पारिवारिक विवाद 8 पड़ोसियों के विवाद और 26 अन्य कारणों से हुई थी।
- 2020 में भोपाल में 51 हत्याएं हुई थी। जिसमें 13 आदतन अपराधियों द्वारा 18 पारिवारिक विवाद 7 पड़ोसियों के विवाद और 13 अन्य कारणों से हुई थी।
- 2021 में भोपाल में कुल 42 हत्याएं हुई थी। इसमें आदतन अपराधियों द्वारा 8 पारिवारिक विवाद के कारण 12पड़ोसियों के विवाद से 7 और 15 अन्य कारणों से हुई थी।
- 2022 में पुलिस आयुक्त प्रणाली पूरी तरह से लागू हो चुकी थी। 11 माह में 50 हत्याएं हुई। पिछले वर्षों की तुलना में आबादी बढ़ने के बाद भी पुलिस आयुक्त प्रणाली में अपराध पर नियंत्रण रखने पर पुलिस को कामयाबी प्राप्त हुई है।
अपराधियों पर पुलिस की निगाह
पुलिस आयुक्त प्रणाली में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए बदमाशों के व्यक्तिगत डोजियर तैयार किए गए। 6500 अपराधियों की विस्तृत जानकारी जुटाई गई। 356 बदमाशों के खिलाफ समय पूर्व कार्रवाई की गई। कई बदमाशों को बांड ओवर कराकर थानों द्वारा उन पर सतत निगरानी की गई। जिसके कारण मध्य प्रदेश राजधानी भोपाल के अपराधों पर नियंत्रण रख पाने पर पुलिस सफल रही।
कम पुलिस बल
भोपाल में थानों में स्वीकृत पुलिस बल से कम पुलिसकर्मियों के होने के बावजूद भी अपराध पर नियंत्रण पाने के लिए जो प्रयास हुए हैं। उसके कारण अपराधों पर नियंत्रण रखने में पुलिस आयुक्त प्रणाली सफल हुई है। पिछले वर्षों में धरना प्रदर्शन और अन्य मामलों में विशेष रुप से धोखाधड़ी और ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उसके बाद भी अपराधों पर पिछले वर्षों की तुलना में पुलिस नियंत्रण कर पाने में सफल रही है।
पुलिस आयुक्त प्रणाली पर विचार
मध्यप्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली केवल इंदौर और भोपाल में लागू की गई है। पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति पर किस तरह से नियंत्रण हुआ है। इसके लिए लगातार परीक्षण हो रहे हैं। पुलिस आयुक्त प्रणाली में पुलिस को विशेष अधिकार प्राप्त होते हैं। उन अधिकारों का पुलिस आयुक्त प्रणाली में किस तरीके से उपयोग किया गया है। इसका परीक्षण भी किया जा रहा है। पुलिस आयुक्त प्रणाली में यदि अपराधों पर नियंत्रण रहातो आगे चलकर ग्वालियर जबलपुर जैसे महानगरों में भी लागू हो सकती है। पुलिस आयुक्त प्रणाली लगातार चर्चाओं में बनी हुई है। पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हो जाने के बाद जिला दंडाधिकारी के अधिकार कम हो जाते हैं। पुलिस अधिकारियों के बढ़ जाते हैं। इसको लेकर भी समय-समय पर सरकार द्वारा समीक्षा की जा रही है।



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