- टैक्स छूट का कोटा खत्म हो जाने से महंगे हुए बाइक-स्कूटर

भोपाल । प्रदेश में ई बाइक स्कूटर महंगी हो गईं हैं. सरकार की ईवी पॉलिसी के तहत इलेक्ट्रिक टू व्हीलर ई-रिक्शा पर मिल रही टैक्स छूट खत्म होने से ये दिक्कत सामने आई है। ग्राहकों को अब ईवी पर पूरा टैक्स चुकाना पड़ रहा है। कई राज्य सरकारें केंद्र सरकार के अलावा इवी पर सब्सिडी दे रही हैं। मप्र में इसकी शुरुआत नहीं हुई है।
मध्यप्रदेश में एक ओर ग्रीन एनर्जी पर आगे बढऩे की बात होती है तो दूसरी ओर इलेक्ट्रिक व्हीकल (इवी) खरीदने पर प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। परिवहन विभाग ने प्रदेश में शुरू के 5 हजार ई-रिक्शा और 15 हजार दो पहिया वाहन खरीदी के बाद उनसे 1 प्रतिशत टैक्स लेने की पॉलिसी लागू की थी। पंजीकरण शुल्क में राहत देने के साथ पार्किंग शुल्क माफ किया था। प्रदेश में ई-रिक्शा के पंजीकरण का आंकड़ा 27 हजार और दो पहिया 20 हजार के पार पहुंच चुका है। ऐसे में इन वाहनों की खरीदी पर 8 प्रतिशत टैक्स पंजीकरण और पार्किंग शुल्क लिया जा रहा है। कार में ये राहत जारी है क्योंकि प्रदेश में 561 कारें ही रजिस्टर्ड हैं।
सब्सिडी के कारण पिछड़ा प्रदेश
लंबे समय से लोग सब्सिडी की मांग कर रहे हैं। टैक्स छूट जारी रखने की मांग भी उठ रही है। उदासीनता के चलते अन्य प्रदेशों के मुकाबले बीते साल इवी रजिस्ट्रेशन में प्रदेश पिछड़ गया है। 2022 में उप्र में 1.54 लाख महाराष्ट्र में 1.29 लाख कर्नाटक में 91 हजार व राजस्थान में 75 हजार से अधिक इवी रजिस्टर्ड हुए। देश में मप्र 16वें नंबर पर है। प्रदेश में 14 हजार 444 इवी ही रजिस्टर्ड हुए हैं।
मप्र में केवल केंद्र का सहारा
केंद्र सरकार इवी पर सब्सिडी देती है। केंद्र की सब्सिडी के अलावा महाराष्ट्र में इवी खरीदने पर पांच हजार रुपये प्रति किलोवॉट तो गुजरात में ईवी कार खरीदने पर 10 हजार प्रति किलोवॉट की छूट मिलती है। असम में दो पहिया ईवी पर 10 हजार रुपये प्रति किलोवॉट की दर से अधिकतम 20 हजार रुपए सब्सिडी मिलती है। प्रदेश के लोग केंद्र सरकार की सब्सिडी के ही भरोसे हैं।

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