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नेताजी की जयंती पर परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखे जाएंगे अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों के नाम
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखने के समारोह में शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि 23 जनवरी का दिन ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
पीएम मोदी इस कार्यक्रम में नेताजी के नाम वाले द्वीप पर बनाए जाने वाले सुभाष चंद्र बोस को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के एक मॉडल का भी अनावरण करेंगे। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए और नेताजी की स्मृति का सम्मान करने के लिए 2018 में द्वीप की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप कर दिया गया था। नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर क्रमशः शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया गया था।
निर्णय लिया गया है कि अनाम द्वीपों का नाम मेजर सोमनाथ शर्मा सूबेदार और मानद कैप्टन करम सिंह सेकंड लेफ्टिनेंट रामा राघोबा राणे नायक जदुनाथ सिंह कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह कैप्टन जीएस सलारिया लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा सूबेदार जोगिंदर सिंह मेजर शैतान सिंह कंपनी क्वार्टरमास्टर हवलदार अब्दुल हमीद और लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर के नाम पर रखा जाएगा। अन्य परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं में जिनके नाम पर द्वीपों का नाम रखा जा रहा है उनमें लांस नायक अल्बर्ट एक्का मेजर होशियार सिंह सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों मेजर रामास्वामी परमेश्वरन नायब सूबेदार बाना सिंह कैप्टन विक्रम बत्रा लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे सूबेदार मेजर संजय कुमार और सूबेदार मेजर (सेवानिवृत्त) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव शामिल हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि देश के वास्तविक जीवन के नायकों को उचित सम्मान देना हमेशा प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।
इसने कहा कि इसी भावना के साथ आगे बढ़ते हुए द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने का निर्णय लिया गया। सबसे बड़े अनाम द्वीप का नाम प्रथम परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा जाएगा दूसरे सबसे बड़े अनाम द्वीप का नाम दूसरे परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा जाएगा और इसी तरह का क्रम आगे चलेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि यह पहल देश के नायकों के प्रति एक शाश्वत श्रद्धांजलि होगी जिनमें से कई ने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
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