नई दिल्ली। साल 2002 में दिल्ली के लाल किले पर हमले के दोषी लश्कर ए तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी आतंकी आरिफ उर्फ अशरफ को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई हुई है। आरिफ फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। अब तिहाड़ जेल ने उसे फांसी पर लटकाने की तैयारी कर ली है। लिहाजा तिहाड़ प्रशासन ने निचली अदालत को लेटर लिखा है ताकि फांसी की सजा का दिन मुकर्रर करते हुए उसका डेथ वारंट जारी किया जा सके बता दें कि दिल्ली के लाल किले पर तैनात जवानों पर 22 दिसंबर 2000 को पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के छह आतंकियों ने हमला कर दिया था। आतंकियों ने जवानों की बैरक पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं। फिर मौके से फरार हो गए थे। इसमें तीन जवानों की जान चली गई थी। जांच में सामने आया कि सभी आतंकी लाल किले में लाइट एंड साउंड शो देखने के बहाने घुसे थे। इस मामले के कोतवाली पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। पुलिस की जांच में पता चला था कि लश्कर के संदिग्ध आतंकी बिलाल अहमद के अकाउंट में 29.50 लाख रुपये हवाला के जरिए ट्रांसफर किए गए थे। यह पैसे मोहम्मद आरिफ ने ही ट्रांसफर किए थे। वह इस हमले का मास्टरमाइंड था। अशफाक को हवाला के जरिए यह पैसा पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स के जरिए मिला था। पूरा पैसा जवानों की बैरक में किए गए हमले में इस्तेमाल किया गया था। वहीं इस मामले में पुलिस ने ट्रायल कोर्ट में 2001 में आतंकी अशफाक अहमद समेत 21 अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। कोर्ट ने 11 लोगों के खिलाफ ही आरोप सिद्ध किए थे। अक्टूबर 2005 में पाकिस्तानी आतंकी अशफाक को फांसी की सजा सुनाई थी। दो अन्य दोषियों नजीर और उसके बेटे फारूक को उम्रकैद मिली थी। एडिशनल सेशंस जज ओपी सैनी ने अशफाक की पत्नी रेहमाना यूसुफ फारूकी को आतंकियों को शरण देने का दोषी पाया था और उसे 7 साल की सजा सुनाई थी। तीन अन्य आरोपियों को भी कोर्ट की ओर से 7 साल की सजा सुनाई गई थी।
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