- राम का जीवन हमारे लिए अनुकरणीय है : डॉ. शिवप्रताप सिंह

-नव संवत्सर प्रतिपदा पर अभासाप द्वारा रामचरित मानस पर व्याख्यान एवं विचार गोष्ठी आयोजित
भिण्ड। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् जिला शाखा भिंड के तत्वाधान में भारतीय नव संवत्सर के अवसर पर साहित्यकार सम्मान समारोह एवं रामचरित मानस् पर व्याख्यान एवं विचार गोष्ठी का आयोजन शहर के वायपास रोड स्थित शिक्षक कॉलोनी में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुखदेव सिंह सेंगर ने की। मुख्य अतिथि के रूप में अभासाप के संभागीय संयोजक डॉ. देवेन्द्र तोमर मुरैना उपस्थित रहे। बतौर विशिष्ट अतिथि पत्रकार तथा साहित्यसेवी रामशंकर शर्मा, मप्र जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक डॉ. शिवप्रताप सिंह भदौरिया मौजूद रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती की पूजा अर्चना से प्रारंभ हुआ। तत्पश्चात वरिष्ठ साहित्यकारों का अंग वस्त्र, श्रीफल, स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में शिक्षक डॉ. धीरज सिंह गुर्जर ने वर्तमान सामाजार्थिक परिवेश में रामचरित मानस की प्रासंगिकता पर व्याख्यान दिया। डॉ. शिवप्रताप सिंह भदौरिया ने मानस में संचार की व्यापक व्याख्या करते हुए राम का जीवन हमारे लिए किस प्रकार अनुकरणीय है को विस्तार से बताया।इस मौके पर कवि धर्मेन्द्र त्रिपाठी ने काव्य के माध्यम से राम के चरित्र को अपनी कविता के माध्यम से उकेरा। वरिष्ठ पत्रकार रामशंकर शर्मा ने रामचरित मानस के लोक व्यवहार पर विस्तृत प्रकाश डाला। वहीं मुख्य अतिथि डॉ. देवेन्द्र तोमर ने नव संवत्सर हमें क्यों मनाना चाहिए तथा इसका प्रारंभ कब से हुआ के बारे में जानकारी दी। राज्यपाल द्वारा सम्मानित शिक्षक राकेश सिंह राजपूत द्वारा रामलीला का वर्तमान समाज में महत्व पर प्रकाश डाला गया। शिक्षाविद अमरनाथ सेठ ने नवरात्रि में माता के नव रूपों के बारे में प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन साहित्य परिषद के जिलाध्यक्ष डॉ. परमाल सिंह कुशवाह ने किया। अंत में शिक्षाविद एवं समाजसेवी वरुण सिंह भदौरिया ने आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर दर्शनलाल गौड़, शशिकांत राजौरिया, सौरभ अग्रवाल, मनोज स्वर्ण, देवेंद्र जैन, गोलू शर्मा सहित सभी उपस्थित रहे।

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