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बाबा वनखण्डेश्वर मंदिर का होगा जीर्णोद्धार, विधायक संजीव सिंह ने रखी आधारशिला
पहले चरण की किश्त से वियतनाम से आए सफेद पत्थर से होगा कायाकल्प
दैनिक बेजोड़ रत्न/भिंड/शशिकांत गोयल
भिण्ड। जिले के सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक वनखण्डेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार होने जा रहा है जिसकी आधारशिला विधायक संजीव सिंह के द्वारा शनिवार को रखी गई। इससे पहले विधायक ने जीर्णोद्धार कार्य से पूर्व बाबा वनखण्डेश्वर महाराज जी की पूजा अर्चना एवं अभिषेक किया। बता दें कि राज्य शासन द्वारा स्वीकृत प्रथम किश्त की राशि 40 लाख से मंदिर का कायाकल्प कर भव्य अलौकिक स्वरूप दिया जायेगा। जैसे-जैसे किश्तोंं की राशि स्वीकृत होती जायेंगी। मंदिर में कायाकल्प का कार्य चलता जायेगा। विधायक संजीव सिंह ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि वन खंडेश्वर मंदिर की ऐसी मान्यता है कि दो अखंड ज्योति प्रज्वलित होने वाला यह इकलौता मंदिर है। 11 वीं सदी के प्राचीन वन खंडेश्वर मंदिर का निर्माण पृथ्वीराज चौहान ने कराया था। वर्तमान में मंदिर का मूल शिखर ढक गया है। शासन द्वारा जो पहले चरण की राशि मिली है उससे राजस्थान के कारीगरों के द्वारा एवं वियतनाम से आए सफेद पत्थर से मंदिर का जल्द भव्य कायाकल्प होगाए मंदिर में एक करोड़ से अधिक की लागत आएगी लेकिन पहले चरण के कायाकल्प का कार्य 40 लाख रुपए रुपए की लागत से प्रारंभ होगा। इस अवसर पर विधायक संजीव सिंह के अलावा चिलोंगा महाराजए कुण्डेश्वर मंदिर के महंत मौनी बाबाए वन खंडेश्वर महाराज के पुजारी एवं विधायक प्रतिनिधि सुनील बाल्मीकए जिला पंचायत सदस्य नीतू यादवए पार्षद अमित सोनीए सुनील कांकरए मनोज जैनए यश जैनए मनोज अर्गलए मनीष पुरोहितए किशन सोनीए रामौतार गोयलए सौरभ राजावत सहित बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद रहे।
तैयार करवाई गई डिजाइन के मुताबिक मंदिर का सामने का भाग स्टोन से बनाया जाएगा। मंदिर में राम मंदिर और दक्षिण के मंदिरों की झलक नजर आएगी। मंदिर में मुख्य शिखर के अलावा बीच में दो छोटे शिखर होंगे। प्रवेश द्वार पर एक शिखर बनाया जाएगा। इसमें आगे की दीवारए कालमए शिखरए छज्जाए मूर्तियांए गुम्मदए छोटा शिखर स्टोन से बनाया जाएगा। मंदिर के मुख्य हिस्से में मंदिर की मेन दीवारए कालमए शिखरए मूर्ति स्टोन से बनाई जाएगी।
पृथ्वीराज चौहान द्वितीय ने करवाया मंदिर निर्माण। राजा पृथ्वीराज चौहान द्वितीय ने 11वीं शताब्दी में भिंड में पड़ाव डाला था। पृथ्वीराज चौहान शिव भक्त थे। उन्होंने मिट्टी खुदवाकर निगरानी चौकी किले का निर्माण कराया था। मिट्टी खुदवाई के दौरान गौरी सरोवर का निर्माण कराया। सरोवर के पास खुदवाई में स्वयंभू शिवलिंग मिली तो यहां वनखंडेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कराया। इस मंदिर में 900 वर्ष से ही शुद्ध घी से अखंड ज्योति प्रज्जवलित है।
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