- सरकारी भूमि के फर्जी तरीके से पंजीयन को लेकर दो शासकीय कर्मचारियों सहित 5 पर एफआईआर दर्ज

पंजी में कूटरचित दस्तावेजों और अलग-अलग स्याहियों का किया गया था उपयोग 
डबरा घनष्याम बाबा (बेजोड रत्न ब्यूरो)। पशु अस्पताल की शासकीय भूमि के दस्तावेजों में हेरफेर व कूट रचना कारित किए जाने के कारण फरियादी रवि कुषवाह पुत्र रामसिंह 28 वर्ष निवासी तहसील कार्यालय डबरा के द्वारा पुलिस को दी षिकायत में बताया है कि आरोपियों में देवेन्द्र दुबे, सहायक वर्ग-3 (प्रधान प्रतिलिपिकार), राजेन्द्र शर्मा, खण्ड लेखक (प्रतिलिपिकार), विक्रेता- बद्रीप्रसाद पुत्र जगन्नाथप्रसाद, क्रेता राजेन्द्रप्रसाद शर्मा पुत्र बद्रीप्रसाद निवासीगण नरवर जिला षिवपुरी एवं आवेदनकर्ता सोनू रावत के विरूद्व कूट रचित दस्तावेज तैयार किये जाने को लेकर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। 
तात्कालीन पटवारी के हस्ताक्षर फर्जी एवं बनावटी
पुलिस सूत्रों के अनुसार सर्वे क्र. 1004 नामांतरण पंजी में क्रमांक 99/05 सितंबर 2017 लगायत 119/31 सितंबर 2017 तक प्रविष्टिया अंकित हैं, जिसमें पंजी क्रमांक 103 एवं 104, 16 सितंबर 2017 को छोड़कर अन्य समस्त प्रविष्टियों में तत्कालीन पटवारी एवं अधोहस्ताक्षरकर्ता के सही हस्ताक्षर हैं। पंजी क्रमांक 103 एवं 104, 16 सितंबर 2017 एवं आम इष्तहार में अधोहस्ताक्षरकर्ता के साथ-साथ तत्कालीन पटवारी के जो हस्ताक्षर बनाये गये हैं, वह फर्जी हैं और दस्तावेजों में देखने पर फर्जी एवं बनावटी हस्ताक्षर देखने को मिल रहे है। 
एक नामांतरण में अलग-अलग हैंडराईटिंग
पुलिस सूत्रों के अनुसार विजयकुमार शर्मा, तत्कालीन पटवारी हल्का नंबर 56 द्वारा की गयी षिकायत के पष्चात् उक्त नामांतरण पंजी के अवलोकन में पाया गया कि नामांतरण पंजी में पृष्ट क्र. 6 एवं 7 से हटाकर कूट रचित आधार पर नवीन पृष्ठ जोडा गया। नामांतरण पंजी क्रमांक 103 दिनांक 16 सितंबर 2017 के पृष्ठ के प्रथम भाग पर विजय कुमार शर्मा तत्कालीन पटवारी की हैंडराईटिंग और इसी प्रष्ठ के दूसरे भाग पर कॉलम नंबर 7 पर अलग हैंडराईटिंग अलग पेन से लिखी गई है जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रथम दृष्टया यह कूट रचित है। साथ ही इसी कॉलम के कॉलम नंबर 9 में फर्जी हस्ताक्षर बनाए गए है। 
अधिकारियों की जांच-पडताल में कर्मचारी दोषी
प्रषासनिक दृष्टि के अधिकारियों और कर्मचारियों ने रिकॉर्ड रूम शाखा में जप्तशुदा अभिलेखों की जांच पडताल में कूट रचित दस्तावेज, हेरफेर पाया गया। जिसके चलते दोनों कर्मचारियों के साथ-साथ उक्त प्रकरण में संलग्न हितबद्व व्यक्ति बद्रीप्रसाद पुत्र जगन्नाथप्रसाद, क्रेता/आवेदक राजेन्द्रप्रसाद शर्मा पुत्र बद्रीप्रसाद निवासीगण नरवर जिला षिवपुरी एवं आवेदनकर्ता सोनू रावत पूर्ण रूप से दोषी हैं।
तहसील कर्मचारियों ने तथ्यों को छुपाया
प्रषासनिक जांच-पडताल में सहायक वर्ग 3 प्रधान लिपिकार देवेन्द्र दुबे एवं राजेन्द्र शर्मा राजस्व विभाग के वरिष्ठ कर्मचारी है। उक्त प्रकरण में संलग्न प्रमाणित प्रतियां 07 मार्च 2022 एवं 28 मार्च 2022 को उक्त द्वय कर्मचारियों के हस्ताक्षर से जारी की गयी है। उक्त अभिलेख को देखने से प्रथम दृष्टया ही कूट रचना दृष्टिगोचर हो रही है। उक्त द्वय कर्मचारियों का यह दायित्व था कि उक्त कूट रचना के संबंध में तत्समय ही उक्त कृत्य के संबंध में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराना चाहिये लेकिन कर्मचारियों द्वारा ऐसा न करते हुये तथ्यों को छुपाया गया तथा प्रमाणित प्रतिलिपियां जारी किये जाने के लगभग 9 माह से भी अधिक का समय व्यतीत होने के उपरांत हितबद्व व्यक्तियों से मिलकर प्रमाणित प्रतिलिपियों का उपयोग कराया जाना यह स्पष्ट प्रदर्षित करता है कि उक्त कृत्य में उक्त द्वय कर्मचारी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित हैं। 
तहसील के दोनों कर्मचारियों ने 2004 से 2009 के बीच भूस्वामी की फर्जी प्रविष्टि की
मूल हस्तलिखित खसरा वर्ष खसरा वर्ष 1994-95 से 1997-98, खसरा वर्ष 1999-2000 से 2003-04 एवं खसरा वर्ष 2004-05 से 2008-09 में बद्रीप्रसाद पुत्र जगन्नाथ प्रसाद शर्मा नि0 ग्राम भूमिस्वामी की जो फर्जी प्रविष्टि की गयी है, उस प्रविष्टि की लिखावट एवं स्याही तथा खसरों में पूर्व से दर्ज प्रविष्टियों से प्रथक होना स्पष्ट दर्षित हो रहा है। मूल प्रकरण में संलग्न नामांतरण पंजी एवं खसरों की प्रमाणित प्रतियां तहसील कार्यालय की नकल शाखा से क्रमष: 07 मार्च 2022 एवं 28 मार्च 2022 को देवेन्द्र दुबे, सहायक वर्ग-3 (प्रधान प्रतिलिपिकार) एवं राजेन्द्र शर्मा प्रतिलिपिकार द्वारा जारी की गयी हैं।
अधिकारियों ने किया गहराई से परीक्षण
जब अधिकारियों ने हल्का पटवारी से रिपोर्ट ली और हल्का पटवारी की रिपोर्ट में उल्लेखित तथ्यों का गहराई से परीक्षण किया गया जिसमें मूल नामांतरण पंजी क्रमांक 104 दिनांक 16 सितंबर 2017 एवं मूल हस्तलिखित खसरा वर्ष खसरा वर्ष 1994-95 से 1997-98, खसरा वर्ष 1999-2000 से 2003-04 एवं खसरा वर्ष 2004-05 से 2008-09 तक का सूक्ष्म रूप से परीक्षण किया गया। तत्कालीन पटवारी विजय कुमार शर्मा द्वारा मूल नामांतरण पंजी 01 सितंबर 2017 की नंबरिंग कर पृष्ठ 01 लगायत 38 तक पृष्ठांकित कर पंजी को प्रमाणित भी किया गया है। उक्त नामांतरण पंजी के पृष्ठ क्रमांक 6 एवं 7 को हटाकर नवीन पृष्ठ जोड़ा गया है, जो कि स्पष्टत: दर्षित हो रहा है, पटवारी और कर्मचारियों ने मिलकर अलग-अलग स्याही से बनाए कूटरचित दस्तावेज, जो कि जांच-पडताल में स्पष्ट दिख रहे है। 
कंप्यूटर अभिलेख में दर्ज कराने के लिए किया था आवेदन राजेन्द्र ने
पुलिस सूत्रों के अनुसार 17 जनवरी 2023 को आवेदक राजेन्द्र प्रसाद शर्मा पुत्र बद्रीप्रसाद निवासी ग्राम नरवर जिला षिवपुरी द्वारा 17 जनवरी 2023 को आवेदन पत्र प्रस्तुत कर उल्लेख किया कि ग्राम डबरा के सर्वे क्रमांक 1004/1मिन-45, 1004/4मिन-44, 1774/3मिन-42, 1774/5मिन-42 रकवा 0.052 है में से 1590 वर्गफीट भूमि का नामांतरण पंजी क्रमांक 104, 16 जनवरी 2017 से करा लिया गया था लेकिन प्रष्नाधीन भूमि का अमल कम्प्यूटर अभिलेख में दर्ज नही है। अत: प्रष्नाधीन भूमि का कम्प्यूटर अभिलेख में अमल किया जावे। उक्त आवेदन पत्र को प्रकरण क्रमांक 1004/ब-121/2022-23 पर दर्ज कर हल्का पटवारी से रिपोर्ट ली गयी।
पटवारी ने सीएम हेल्पलाइन पर की थी षिकायत....
विजय कुमार शर्मा, तत्कालीन पटवारी हल्का नंबर 56 तहसील द्वारा 10 जून 2022 को सीएम हेल्पलाईन पोर्टल पर षिकायत क्रमांक 17915079 से इस आषय की षिकायत दर्ज करायी गयी कि डबरा गांव में फर्जी तरीके से रिकॉर्ड शाखा में जमा नामांतरण पंजी वर्ष 2017 में से बाद में उक्त पंजी के क्रमांक 104/16 सितंबर 2017 को फाड़कर उसके स्थान पर कूट रचित हस्ताक्षर बनाकर रिकॉर्ड शाखा के कर्मचारियों की सांठ-गांठ से कूट रचित हस्ताक्षर वाली नामांतरण पंजी क्रमांक 104/16 सितंबर 2017 को पंजी में जोड़कर पषु चिकित्सा विभाग की शासकीय भूमि को राजेन्द्र शर्मा पुत्र बद्रीप्रसाद शर्मा निवासी डबरा के नाम कर दिया है, दोषियों के विरूद्व कठोर कार्यवाही की मांग की थी। 
इनका कहना.....
तहसील कर्मचारी के द्वारा आरोपियों के खिलाफ एक आवदेनषुदा पत्र दिया गया था जिस पत्र की जांच-पडताल करने के बाद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पूरे मामले की गहराई से पडताल जारी है। 
अतुल सिंह चौहान विवेचक एवं कार्यवाहक उपनिरीक्षक थाना सिटी डबरा 

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