- महिला ने 53 लाख की संपत्ति हड़पने के लिए 5 लोगों पर लगाया गैंगरेप का आरोप

गाजियाबाद। यहां पुलिस ने एक महिला से रेप की शिकायत का पर्दाफाश करते हुए कहा कि महिला से रेप की शिकायत एक साजिश जो महिला ने 53 लाख की संपत्ति हड़पने के लिए की थी, इस में 5 लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाने के मामले में उस महिला और 3 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि गैंगरेप और मारपीट का आरोप लगाने वाली महिला ने झूठ बोला था।
  दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बताया था कि 36 वर्षीय महिला एक बोरे में बंद मिली थी और उसके हाथ-पैर बंधे थे। उन्होंने कहा था कि महिला के गुप्तांग में लोहे की छड़ डाली गई थी। दिल्ली महिला आयोग के दबाव में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। मगर जांच के दौरान कुछ और ही कहानी निकली। गाजियाबाद पुलिस ने महिला के 5 लोगों द्वारा उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म और बर्बरता किए जाने के दावे को मनगढ़ंत बताते हुए उसे खारिज कर दिया। पुलिस ने दावा किया कि पूरी साजिश संपत्ति हड़पने के लिए की गई थी, जिस पर महिला और आरोपियों में था। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी कहा है कि महिला और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा विरोधाभासी बयान दिए गए हैं।
  प्राथमिकी दर्ज होने के बाद महिला के भाई ने दावा किया था कि 16 अक्टूबर को उसके जन्मदिन में शामिल होने के बाद उसकी बहन जब दिल्ली वापस जा रही थी, तभी 5 लोगों ने उसे अगवा कर लिया और बलात्कार किया तथा 18 अक्टूबर की तड़के गाजियाबाद में वह मिली। पुलिस ने कहा था कि उन्होंने महिला को एक बोरी के अंदर पाया, लेकिन उसके शरीर का ऊपरी आधा हिस्सा बाहर था और वह बात कर रही थी। इसके बाद उसे जीटीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां सूत्रों ने कहा कि उसे कोई आंतरिक चोट नहीं आई थी, हालांकि उस पर कुछ चोट के निशान थे और उसके अंदर से निकाली गई 5-6 सेंटीमीटर की विदेशी वस्तु को विश्लेषण के लिए पुलिस के पास भेजा गया था। जांचकर्ताओं ने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी। फिलहाल, महिला डॉक्टरों की निगरानी में है और उसे हिरासत में नहीं लिया गया है।वहीं, अनुमंडल पदाधिकारी आलोक दुबे ने बताया कि महिला और उसके सहयोगियों-आजाद, अफजल और गौरव के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति हासिल करने की कोशिश करना), 467 (मूल्यवान प्रतिभूति हासिल करने के लिए साजिश रचना), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 471 (धोखाधड़ी या बेईमानी से किसी ज्ञात फर्जी दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
  पुलिस ने बताया कि महिला ने जिन 5 लोगों को आरोपी बनाया है, उनका महिला से संपत्ति का लंबे समय से विवाद चल रहा है। गाजियाबाद पुलिस ने कहा था कि महिला के आरोपों के बाद 5 संदिग्धों में से 4 को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या इन चारों को क्लीन चिट दी जाएगी, मेरठ के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने कहा हमें उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। इस मामले में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। इसलिए सबूत मिलने का सवाल ही नहीं उठता।महिला के इस दावे पर कि उसे अगवा किया गया था, कुमार ने कहा, नहीं। वह संबंधित स्थान पर अपनी मर्जी से गई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने महिला द्वारा की गई बातचीत के विश्लेषण में पाया कि मामले को प्रचारित करने के लिए लोगों को पैसे दिए गए थे। महिला ने दावा किया था कि उसके साथ 5 लोगों ने 2 दिनों तक गैंगरेप किया था।

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