बडा बेटा होने पर परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल
डबरा (बेजोड रत्न ब्यूरो)। कुदरत को क्या मंजूर है क्या नहीं...? यह तो वक्त तय करता है, हर पिता की आंखो का सपना और उसके बुढापे का सहारा बडा बेटा होता है लेकिन जब बडा बेटा किसी हादसे का शिकार हो जाए तो उस माता-पिता पर क्या बीतेगी..? यह तो वहीं जानता है जिसने अपना बेटा खोया है। ऐसा ही एक मामला कराहिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत देखने को मिला जहां मंगलवार की दोपहर खेतों में काम करने वाले एक 17 वर्षीय किशोर जावेद हरसी हाई कैनाल में नहाने गया और पैर फिसलते ही डूब गया। 11:30 घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने आखिरकार टॉर्चों के उजाले में हरसी हाई कैनाल से जावेद का शव खोज लिया। पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा तैयार कर मृतक के शव को पोस्टमार्डम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया, जब मृतक का शव उसके गांव पहुंचा तो परिवार के साथ-साथ छोटे भाई-बहनों का रो-रोकर बुरा हाल था क्योंकि यही एक किशोर उस परिवार में होनहार था जो अपनी दम पर भूमिहीन होने के बावजूद भी दूसरों से कृषि भूमि लेकर बटाई से अपने परिवार को पालने की मशक्कत कर रहा था। नहाने क्या पहुंचा, पैर फिसला और जिंदगी गई जावेद की........
कराहिया गांव निवासी सुलेमान खान का 17 वर्षीय पुत्र जावेद खान हरसी कैनाल से लगी हुई कृषि भूमि में बंटाई से खेती कर रहा था और उसके साथ आजाद खान 25 वर्ष भी था। आजाद और जावेद दोनों हरसी कैनाल पर पहुंचकर नहाने के लिए पहुंचे और जावेद का अचानक पैर फिसल गया। जावेद गहरे पानी में डूबा जावेद को बचाने के लिए आजाद भी कंूद गया जब आजाद खुद डूबते हुए दिखा तो उसने जोर-जोर से आवाज लगाना शुरू की, ग्रामीणों ने आवाज सुनी, मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने आजाद को तो बचा लिया लेकिन जावेद गहरे पानी में समां गया था।
थाना प्रभारी ने लगाई पूरी ताकत जावेद की खोज के लिए........
घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी अजय सिंह सिकरवार तत्काल हरसी हाई लेवल कैनाल पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ खुद जावेद की खोज में जुट गए, सांझ ढलते ही जब पुलिस को सफलता नहीं मिली और एनडीआरएफ की टीम नहीं आई तो पुलिस अंधेरे की वजह से रूक गई और रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पडा लेकिन ग्रामीणों का हौसला कम नहीं हुआ क्योंकि उनके गांव का बेटा था। ग्रामीणों ने कई टॉर्चे इक_ी की और नहर में कई ग्रामीण कंूद गए जिस जगह जावेद डूबा था उसी वक्त जावेद ने नहर के अंदर चारे को पकड लिया था। मौत होने पर जावेद का शव उसी जगह रात्रि 2:30 बजे मिला। ग्रामीणों ने शव को बाहर निकाला और पुलिस ने शव को पीएम के लिए पहुंचाया और पोस्टमार्डम के बाद जावेद के शव को परिजनों को सौंप दिया।
पिता की पथरा गई आंखे........
जावेद अपने पिता सुलेमान 4 भाईयों में सबसे बडा पुत्र था जावेद से छोटे तीन पुत्र और 2 बहने है जावेद सुलेमान खान का होनहार बेटा है। गरीबी के दामन में भूमिहीन होने के बावजूद भी उसका हौसला कभी कम नहीं हुआ और उसने पिता के साथ मिलकर गांव के एक किसान की जमीन बंटाई पर ले ली, हादसे के दिन उसी बंटाई की जमीन में जावेद किसानी का काम कर रहा था। जवान बेटे की मौत को देखकर जहां एक ओर पिता की आंखे पथरा गई तो वहीं मां और उसके छोटे भाई-बहनों का बुरा हाल हो गया। आंखो से टपकते हुए आंसू इस दर्द को बयां कर रहे थे जैसे कि सुलेमान का सब कुछ लुट गया।
गांव में पसरा मातम जावेद की मौत के बाद.........
मृतक जावेद एक बहुत अच्छा लडका था, मधुर व्यवहार, काका से काका, काकी से काकी, भाई से भाई, भाभी से भाभी, बहनों से बहन जैसा प्यार गांव के अंदर जावेद के अंदर देखा जाता था। जब जावेद घर से निकलता था तो गांव के बूढे लोगों से किसी से राम-राम तो किसी को सलाम कहकर जब सडकों से गुजरता था तो लोग इस बालक को दुआएं देते थे कि सुलेमान का यह बेटा एक दिन बडा नाम करेगा लेकिन वक्त से पहले सुलेमान की बगिया के इस फूल को वो कांटे भी नहीं बचा सके जो फूल की रक्षा के लिए कांटे का रूप लेते है, इस घटना ने गांव को मातम में बदल दिया।
इनका कहना.......
पुलिस और ग्रामीणों के सहयोग से रात्रि ढाई बजे जावेद के शव को हरसी हाई कैनाल से खोज लिया, पोस्टमार्डम करने के बाद परिजनों को सौंप दिया और पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच-पडताल शुरू कर दी है।
अजय सिंह सिकरवार थाना प्रभारी कराहिया