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बुढ़वा मंगल 26 सितम्बर को दंदरौआ धाम पर लगेगा विशाल मेला
भिण्ड। जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल दंदरौआ धाम पर 26 सितम्बर को बुढ़वा मंगल के पावन पर्व पर विशाल मेले का आयोजन किया जाएगा जिसमें रूद्राभिषेक, सुन्दरकाण्ड का पाठ, फूल बंगला एवं विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाएगा। बुढ़वा मंगल के दिन प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशों से उत्तरप्रदेश के औरैया, इटावा, आगरा, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, कानपुर, प्रयागराज सहित कई जिलों के श्रद्धालु दंदरौआ धाम में आते है। बुढ़वा मंगल को 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है
दंदरौआ धाम के महंत श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामदास जी महाराज ने मंदिर परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी माता सीता जी के खोज में लंका गये थे, लंका में जाकर उन्होंने राक्षसों का मान मर्दन किया और लंका को जलाकर वापस लौट कर भगवान श्री राम को वहॉं के समाचार सुनाए थे जिससे भगवान श्री राम प्रसन्न होकर हनुमान को तिलक लगाकर पुष्पहार पहना कर स्वागत किया, इसलिए बुढवा मंगल के दिन हनुमान जी के पूजा का विशेष महत्व है। महाराज जी ने पत्रकारों को बताया कि जैसे 24 एकादशियों में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है, उसी प्रकार पूरे वर्ष के मंगलवारों का फल बुढ़वा मंगलवार के दिन हनुमान जी पूजा एवं दर्शन करने का विषेश महत्व होता है, यह मंगलवार 26 सितम्बर को पड़ रहा है। धाम के प्रवक्ता जलज त्रिपाठी ने बताया कि बुढ़वा मंगल के दिन जिले के अलावा बाहर से पैदल आने वाले श्रद्धालुयों के लिए भिण्ड से लेकर दंदरौआ धाम तक जगह-जगह भण्डारे एंव पेयजल की व्यवस्था भक्तों द्वारा प्रति वर्ष की जाती है। महाराज जी ने बताया कि दंदरौआ धाम के सखी हनुमान जी आदि वैद्य हैं, इनके दर्शन मात्र से मनुष्य शरीर के विभिन्न रोगों का निवारण हो जाता है। इसलिए प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण दर्शन करने के लिए दंदरौआ धाम में आते हैं। बुढ़वा मंगल 26 सितम्बर को, दंदरौआ धाम पर लगेगा विशाल मेला
भिण्ड जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल दंदरौआ धाम पर 26 सितम्बर को बुढ़वा मंगल के पावन पर्व पर विशाल मेले का आयोजन किया जाएगा। जिसमें रूद्राभिषेक, सुन्दरकाण्ड का पाठ, फूल बंगला एवं विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाएगा। बुढ़वा मंगल के दिन प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशों से उत्तरप्रदेश के औरैया, इटावा, आगरा, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, कानपुर, प्रयागराज सहित कई जिलों के श्रद्धालु दंदरौआ धाम में आते है।।बुढ़वा मंगल को 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है।
दंदरौआ धाम के महंत श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामदास जी महाराज ने मंदिर परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी माता सीता जी के खोज में लंका गये थे, लंका में जाकर उन्होंने राक्षसों का मान मर्दन किया और लंका को जलाकर वापस लौट कर भगवान श्री राम को वहॉं के समाचार सुनाए थे जिससे भगवान श्री राम प्रसन्न होकर हनुमान को तिलक लगाकर पुष्पहार पहना कर स्वागत किया, इसलिए बुढवा मंगल के दिन हनुमान जी के पूजा का विशेष महत्व है। महाराज जी ने पत्रकारों को बताया कि जैसे 24 एकादशियों में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है, उसी प्रकार पूरे वर्ष के मंगलवारों का फल बुढ़वा मंगलवार के दिन हनुमान जी पूजा एवं दर्शन करने का विषेश महत्व होता है, यह मंगलवार 26 सितम्बर को पड़ रहा है। धाम के प्रवक्ता जलज त्रिपाठी ने बताया कि बुढ़वा मंगल के दिन जिले के अलावा बाहर से पैदल आने वाले श्रद्धालुयों के लिए भिण्ड से लेकर दंदरौआ धाम तक जगह-जगह भण्डारे एंव पेयजल की व्यवस्था भक्तों द्वारा प्रति वर्ष की जाती है। महाराज जी ने बताया कि दंदरौआ धाम के सखी हनुमान जी आदि वैद्य हैं, इनके दर्शन मात्र से मनुष्य शरीर के विभिन्न रोगों का निवारण हो जाता है। इसलिए प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण दर्शन करने के लिए दंदरौआ धाम में आते हैं।
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