भिण्ड। सितंबर महीने के चौथे रविवार को मनाए जाने वाले विश्व नदी दिवस के अवसर पर सामाजिक संस्था सुप्रयास द्वारा कुंवारी नदी के किनारे स्थित कचौंगरा गांव में ग्रामीणों के साथ संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर नदी आंदोलन के कार्यकर्ता सतीश राजावत ने कहा, कि बढ़ते हुए प्रदूषण की वजह से नदियों का जल दूषित होता जा रहा है। प्रदूषण की वजह से जलवायु में भी परिवर्तन हुआ है। जिसके कारण कई नदियां सिकुड़ती जा रही हैं। विश्व नदी दिवस पर कई देश लाखों लोग और कई अंतर्राष्ट्रीय संगठन नदियों के बचाव के लिए अपना योगदान करते हैं। इस दिन भी लोग संकल्प लेते हैं, कि वे नदियों को प्रदूषित नहीं करेंगे और उन्हें प्रदूषित होने से बचांएंगे। भदावर वंश के इतिहास लेखक भोपाल सिंह भदौरिया ने कहा, कि कुंवारी नदी क्षेत्र वासियों के लिए जीवन दायिनी नदी है। इसमें होने वाले प्रदूषण को हम सबको मिलकर रोकना चाहिए। पर्यावरण प्रेमी दानवीर दीक्षित ने कहा, कि नदियों के किनारे अधिक से अधिक पेड़ लगाने से ही नदियां सुरक्षित रह सकेंगी। वहीं समाजसेवी युवा जयदीप राजावत ने कहा, कि रेत के खनन से हमारी नदियां खतरे में आई हैं, यदि नदियां ही नहीं रहेगी तो हमारा जीवन भी असुरक्षित हो जाएगा। इस संगोष्ठी के अवसर पर ग्रामीण भीम सिंह भदौरिया, प्रमोद सिंह भदौरिया, उमेश सिंह भदौरिया, आशीष ओझा, राम नरेश सिंह राजावत ने भी नदी संरक्षण पर अपने विचार प्रकट किए। संगोष्ठी के अंत में सुप्रयास सचिव डॉ. मनोज जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया।
संगोष्ठी में संतोष सिंह, बलवीर सिंह, कप्तान सिंह,सुरेंद्र सिंह, उम्मेद सिंह, लव कुश सिंह, जितेंद्र सिंह, सुशील सिंह, कल्याण सिंह, सीताराम सिंह, छोटे सिंह, रामनरेश सिंह, प्रदीप सिंह सहित अन्य ग्रामीणजन मौजूद रहे।