- कलयुग में भागवत की कथा सुनने से जीव को होती है मोक्ष की प्राप्ति:रमाकांत महाराज

दबोह। कलयुग में भागवत की कथा सुनने से जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है।साथ ही जन्म जन्मांतर के पापों का अंत भी होता है।इंसान को भागवत कथा का रसपान अवश्य करना चाहिए।यह बात कथावाचक परम् पूज्य पंडित रमाकांत महाराज जी ने दबोह क्षेत्र के सुप्रसिद्ध सिद्ध धार्मिक स्थल मां रणकौशला देवी मंदिर परिसर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कही।आगे उन्होंने कहा कि राजा बलि के यहां दान मांगने के लिये पधारे ब्राह्मण देवता को देख राजा बलि ने भगवान से कहा जो मांगना है मांगिये।राजपाट,सोना,चांदी,हीरे मोती,हाथी घोड़ा सब आपके लिये न्यौछावर है। राजा बोले हमारे पितर मुक्त हो गए,ब्राह्मण भगवान आपके चरण हमारे घर पर पड़ने से,तब स्वयं ठाकुरजी दान मांगते हुए बोले राजन मुझे आपसे सिर्फ तीन पग जमीन ही चाहिए।यह सुनकर शुक्राचार्य मुनि सोच में पड़े गए।मुनि तुरंत सोचे ब्राह्मण सिर्फ तीन पग जमीन मांग रहे हैं।जिस पर वे अंतर्ध्यान कर भगवान को पहचाना तो साक्षात नारायण रूप राजा बलि के यहां पधारे थे।ऋषि मुनि तुरंत राजा बलि को मना करते हैं कि कोई संकल्प या वचन मत देना।यह ब्राह्मण रूप में स्वयं नारायण अवतार है। राजन यह आपसे तीन पग जमीन, नहीं यह तीनों लोक आप से मांगने आए हैं।राजा बलि बोले मेरा सौभाग्य है कि मेरे घर स्वयं नारायण पधारे हैं। मेरा कीर्ति तो ऐसे ही ऊंचा हो गया जो मुझसे स्वयं नारायण दान लेने आए हैं। मेरा जीवन,मेरा कुल,मेरे पितर सब का पुण्य प्रताप है जो स्वयं ठाकुर जी मेरे घर पधारे हैं और मुझसे दान मांग रहे हैं। इस दुनिया में मुझसे बड़ा दानी और कौन होगा,कहकर राजा बलि स्वयं ठाकुर जी के चरणों में गिर जाते हैं।बलि चरित्र कथा सुन सभी श्रोता भाव-विभोर हो उठे।इस दौरान कथा में कई श्रोतागण मौजूद रहे।वहीं आज की कथा में लहार थाना प्रभारी परमानन्द शर्मा ने परम् पूज्य महाराज जी रमाकांत जी आशीर्वाद प्राप्त किया।आपको बता दें कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 22 फरवरी को माँ जगतजननी रणकौशला देवी के जन्मोत्सव के चलते श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन मन्दिर परिसर में किया जा रहा है।जिसमे कथा का रसपान कथाव्यास परम् पूज्य पंडित रमाकांत जी महाराज के द्वारा श्रोताओं को कथा का रसपान कराया जा रहा है। यह आयोजन समस्त धर्मप्रेमियो के सहयोग से किया जा रहा है।वहीं इस बार पारीक्षत बनने का सौभाग्य तहसीलदार अमित दुबे के माता पिता राधामोहन दुबे-श्रीमती रेखा दुबे को प्राप्त हुआ है।चरण सेवक के रूप में अमित दुबे(तहसीलदार)व उनकी पत्नी दिव्या दुबे(उप पुलिस अधीक्षक)को अवसर मिला है।

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