- लालू यादव ने पप्पू यादव के साथ कर दिया खेला

पटना, बिहार में सीट बंटवारे को लेकर आरजेडी और कांग्रेस में खींचतान के बीच लालू के करीबी पप्पू यादव के साथ बड़ा खेल हो गया। कोई सीट नहीं मिलने से पप्पू यादव दु:खी जरूर हैं, लेकिन अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर देने के बाद वो पीछे नहीं हटना चाह रहे हैं। अब सवाल यह है कि पप्पू यादव और कांग्रेस पार्टी का अगला कदम क्या होगा? दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला तक अभी सामने नहीं आया है। बिहार में पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी कर रहे हैं। ऐन वक्त पर लालू यादव ने पूर्णिया जिले की ही रुपौली सीट से नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की विधायक बीमा भारती को राष्ट्रीय अपनी पार्टी आरजेडी जॉइन कराकर लोकसभा का टिकट थमा दिया। पूर्णिया से बीमा की उम्मीदवारी का ऐलान भी लालू, तेजस्वी ने नहीं, खुद बीमा भारती ने ही सोशल मीडिया पोस्ट कर दिया था। पूर्णिया सीट पर आरजेडी के उम्मीदवार उतारने के बाद अब पप्पू यादव कांग्रेस से आस लगाए बैठे हैं। उन्होंने दोहराया है कि दुनिया छोड़ देंगे लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे। अब सवाल यह है कि पप्पू यादव और कांग्रेस पार्टी का अगला कदम क्या होगा? दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला अभी तक सामने नहीं आया है, ऐसे में कांग्रेस और पप्पू यादव के सामने क्या विकल्प बचते हैं? आरजेडी का टिकट फाइनल होने के बाद भी पप्पू यादव का जिस तरह का रुख नजर आ रहा है, उससे लगता है कि पूर्णिया सीट पर आरजेडी और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने आ जाएंगे। गठबंधनों के इतिहास में फ्रेंडली फाइट कोई नई बात भी नहीं है। पहले भी कई बार दो गठबंधन सहयोगी किसी सीट विशेष पर आमने-सामने नजर आ चुके हैं जिसे लेकर बात नहीं बन सकी हो। पप्पू यादव के लिए आरजेडी मधेपुरा सीट दे सकती है। पप्पू यादव पहले भी मधेपुरा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और उन्होंने यह कहा था कि लालू ने उनके सामने अपनी पार्टी का आरजेडी में विलय करने की शर्त रखते हुए मधेपुरा से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था। ऐसा भी है कि कांग्रेस लालू यादव के सामने अगर सरेंडर करती है तो पप्पू अपनी राह अलग कर लें। पप्पू 1991 और 1999 की तर्ज पर पूर्णिया सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर जाएं या फिर जिस तरह 1996 में सपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था, कुछ वैसा ही इस बार करें और किसी कम बेस वाली पार्टी का दामन थाम कर चुनाव लड़ सकते हैं। अपनी जन अधिकार पार्टी का वह कांग्रेस में विलय कर चुके हैं, ऐसे में उनके पास असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और मुकेश सहनी की वीआईपी जैसी पार्टियों के विकल्प भी हैं जो न तो इंडिया ब्लॉक में शामिल हैं और ना ही एनडीए का हिस्सा हैं। अब पप्पू के साथ भी कुछ वैसा ही हुआ लालू-तेजस्वी से पप्पू यादव की मुलाकात को आरजेडी की सहमति के तौर देखा गया बीमा भारती की सीन में एंट्री के साथ ही तस्वीर बदल गई। बीमा ने आरजेडी में आते ही कहा भी कि लालू यादव का निर्देश हुआ तो पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। तभी से यह चर्चा भी शुरू हो गई थी कि आरजेडी कहीं पप्पू यादव को कीर्ति आजाद न बना दे । कीर्ति आजाद 2019 के चुनाव से ठीक पहले दरभंगा सीट से टिकट की शर्त पर कांग्रेस में आए थे लेकिन इस सीट से गठबंधन में आरजेडी ने अपना उम्मीदवार उतार दिया था। अब पप्पू यादव के साथ भी कुछ वैसा ही हुआ है।

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag