- एफपीआई को खूब भा रही भारतीय कंपनियां....जमकर कर रहे निवेश

मुंबई (ईएमएस)। मार्च तिमाही में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने बीएसई 500 की करीब 144 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। हालांकि साल की शुरुआत यानी जनवरी 2024 में 25,743 करोड़ रुपये के इक्विटी आउटफ्लो के साथ हुई, और मार्च में तेज उछाल के साथ 35,098 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ। जानकारों के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार के लचीलेपन और बेहतर होती अर्थव्यवस्था ने एफपीआई को भारत में आकर्षित किया है। एफपीआई ने अदाणी ग्रीन एनर्जी (18.03 प्रतिशत से 18.15 प्रतिशत तक), अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (14.72 प्रतिशत से 14.98 प्रतिशत तक), अदाणी पावर (15.86 प्रतिशत से 15.91 प्रतिशत तक), अदाणी टोटल गैस (13.06 प्रतिशत से 13.12 प्रतिशत तक) और अदाणी विल्मर (0.65 प्रतिशत से 0.77 प्रतिशत तक) सहित चुनिंदा अदाणी समूह की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी। वैश्विक निवेशकों ने डेटा पैटर्न (भारत) में अपनी हिस्सेदारी 7.82 प्रतिशत अंक बढ़ाकर 14.56 प्रतिशत कर दी। दिसंबर 2023 तक कंपनी में उनकी 6.74 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। वैश्विक ब्रोकरेज जेफरीज ने डेटा पैटर्न के लिए 3,545 रुपये का मूल्य लक्ष्य निर्धारित किया है, जो एक निजी क्षेत्र की रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी है। इसके अलावा कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज, यूरेका फोर्ब्स, इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो), जेएसडब्ल्यू एनर्जी, शैले होटल्स, एनसीसी, मैनकाइंड फार्मा, मैक्रोटेक डेवलपर्स, एनएमडीसी, आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, नैटको फार्मा, ल्यूपिन और द फीनिक्स मिल्स वे अन्य कंपनियां हैं, जिसमें एफपीआई ने बीती तिमाही के दौरान अपनी हिस्सेदारी 2 से 7 फीसदी के बीच बढ़ाई है। बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) भी एफपीआई की पसंदीदा कंपनियों में से एक रही।एलआईसी में उनकी हिस्सेदारी 31 मार्च, 2024 तक 0.14 प्रतिशत थी, जो 31 दिसंबर, 2023 को 0.06 प्रतिशत थी।

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