अलीगढ़ संयुक्त श्रमिक किसान मोर्चा के सह -संयोजक जितेंद्र शर्मा को प्रधानमंत्री के अलीगढ़ आगमन से 48 घंटे पूर्व नज़रबंद कर दिया गया। जितेंद्र शर्मा ने बताया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था तहत 19 अप्रैल 24 को जब प्रधानमंत्री के अलीगढ़ आगमन का समाचार प्राप्त हुआ तो मोर्चा द्वारा सुनिश्चित किया गया कि अलीगढ़ में प्रधानमंत्री से मुलाकात कर पूर्व से की जा रही मांगों से अवगत कराया जाए। अलीगढ़ में 8 जून 2020 से बेहतर चिकित्सा मुहैया कराने हेतु एम्स स्थापित मांग एवं जनपद के किसानों की अन्य मांगों को लेकर गांव गांव हस्ताक्षर अभियान चला जनप्रतिनिधियों को मांग पत्र सौंपा गया। जिस पर आज़ तक जनप्रतिनिधियों द्वारा विधानसभा लोकसभा में नहीं रखा गया । समय-समय पर प्रधानमंत्री को मांग पत्र प्रेषित किए गए ,लेकिन आज तक संज्ञान नहीं लिया गया । जब जिलाधिकारी को पत्र भेज मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल की प्रधानमंत्री से मुलाकात हेतु समय प्रदान किए जाने की अनुमति मांगी गई । जिस पर प्रशासन द्वारा जितेन्द्र शर्मा के आवास पर आ नज़रबंद कर दिया गया । देश में लोकतंत्र बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान पर चलता है और उक्त क्रम राजतंत्र जैसा है । सत्ताधारी पार्टी को अलीगढ़ की जनता जनार्दन की आवश्यकता से कोई सरोकार नहीं है । सिर्फ़ जुमले बाज़ी कर गुमराह कर सत्ता हासिल करना उद्देश्य रह गया है । तानाशाही रवैया अख्तियार किया जा रहा है। नज़रबंद करवा अलीगढ़ की सरजमीं पर आ अलीगढ़ वासियों की आवाज दमनकारी नीति लागू कर दबाया गया है । हमारे द्वारा प्रत्येक रविवार को सहज योग केंद्र जा पूजन किया जाता है । आज़ जबरिया पूजा करने जाने से भी रोका गया है ,मांग पत्र सौंपने हेतु प्रशासन द्वारा कहा गया कि भारतीय नागरिक के अधिकार तहत उनका हनन दमनकारी नीति अपनाए जाने वाले प्रशासन जों पूर्णतः भाजपा दबाव में कार्य कर रहा है। जब नागरिकता अधिकारों का हनन कर नज़रबंद कर दिया ,तो मुमकिन है कि भारतीय नागरिक को गुलाम बना दिया और ग़ुलाम नागरिकों से मांग पत्र नहीं अपितु प्रताड़ित किया जाता है।