- क्यों गर्मी के दिनों में बढ़ जाती हैं सांप के काटने की घटनाएं

नई दिल्ली आपने कभी सोचा है कि आखिर गर्मी के दिनों में सांप अपने बिल से बाहर क्यों निकल आते हैं? इस मौसम में सांप काटने की घटनाएं आखिर क्यों बढ़ती है? सांप, ‘कोल्ड ब्लडेड’ यानी ठंडे खून वाले जानवर हैं। इसका मतलब है कि वे अपने शरीर का तापमान खुद मेंटेन नहीं कर सकते हैं। ठंड के दिनों में पर्याप्त एनर्जी नहीं मिलने से सांप का मेटाबॉलिज्म बहुत स्लो होता है, इसलिये वे न तेजी से भाग सकते हैं और न शिकार कर सकते हैं। इसलिए ज्यादातर वक्त सोते हुए बिताते हैं। कोशिश करते हैं कि जो एनर्जी इकट्ठा की है, उस ताकत को स्टोर करके रखें। लेकिन गर्मी शुरू होते और तापमान बढ़ते ही ये अपने बिल से बाहर निकल आते हैं। चूंकि गर्मी के मौसम में सांप को पर्याप्त एनर्जी मिलती है और उनका मेटाबॉलिज्म बूस्ट हो जाता है, इसकारण सांप अधिक सक्रिय हो जाते हैं। शिकार की तलाश में निकलते हैं और प्रजनन भी करते हैं। जानकार कहते हैं कि तापमान बढ़ने के साथ सांप का शरीर भी गर्म होने लगता है, जिससे उनकी मृत्यु भी हो सकती है। इसकारण तापमान में बढ़ोतरी के साथ सांप, ठंडी जगह की तलाश में अपने बिल से बाहर आ जाते हैं और रिहायशी इलाकों के आसपास दिखाई देने लगते हैं। गर्मी के दिनों में दैनिक तापमान में प्रत्येक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी के साथ सांप के काटने का चांस लगभग 6 प्रतिशत बढ़ता जाता है। भारत में हर साल 5,8000 से ज्यादा लोगों की मौत सांप काटने की वजह से होती है। आंकड़ों से पता लगता है कि सबसे ज्यादा मामले अप्रैल से अक्टूबर के बीच सामने आते हैं। सांप के कटने के 80 फीसदी से ज्यादा मामले ग्रामीण इलाकों के होते हैं।

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