भोपाल । मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा 120 करोड रुपए के फिक्स्ड डिपॉजिट की एफडी नवीनीकरण नहीं कराने के कारण यूनिवर्सिटी को करीब 9 करोड रुपए का नुकसान हुआ है। इस मामले के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश सरकार की प्रमुख सचिव वीरा राणा ने 15 दिन के अंदर जानकारी मांगी है। मेडिकल यूनिवर्सिटी के आडिट में इस मामले का खुलासा हुआ है। मेडिकल विश्वविद्यालय के किसी भी सक्षम अधिकारी द्वारा 120 करोड़ की एफडी है इसको प्रमाणित किसी भी अधिकारी द्वारा नहीं किया गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एफडी का समय पर नवीनीकरण नहीं कराने पर विश्वविद्यालय को 9 करोड रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। विश्वविद्यालय की जिम्मेदार पदाधिकारियों ने जानबूझकर एफडी का नवीनीकरण नहीं कराकर, निजी फायदा लिया है। इसमें बैंक की मिलीभगत भी शामिल है। अब इस मामले की जांच मध्य प्रदेश सरकार करा रही है। इसके पहले राजीव गांधी प्रौद्योगिकी की विश्वविद्यालय में भी 120 करोड रुपए से ज्यादा का घोटाला सामने आया है। जिसकी जांच चल रही है। बैंकों में जमा एफडी के नाम पर नए-नए घोटाले आडिट में निकल-निकल कर सामने आ रहे हैं। घोटाले करने के नए-नए तरीके अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा निकाले गए हैं। इस तरह के अपराध पर सभी को