- Shrinagar News: हमने 30 दिन में खो दिए 11 जांबाज :जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से भिडंत

Shrinagar News: हमने 30 दिन में खो दिए 11 जांबाज :जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से भिडंत

Shrinagar News: करीब ढाई दशक बाद जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकी घटनाऐं बढ़ीं है। आए दिन घुसपैठ के चलते आतंकियों से मुठभेड़ हो रही है। भारतीय जांबाज आतंकियों को ढेर कर रहे हैं,लेकिन घात लगाकर कायरों की तरह किए जाने वाले हमलों में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। बीते 30 दिनों में हुई अलग अलग मुठभेड़ और हमलों में भारत ने 11 सैनिक खो दिए हैं। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में एलओसी के पास संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में घायल हुए नायक (गनर) दिलवर खान की अस्पताल में मौत हो गई। सूत्रों के मुताबिक एक आतंकवादी भी मारा गया है। इससे पहले मंगलवार को पुंछ के बट्टल सेक्टर में घुसपैठ विरोधी अभियान के दौरान 7 जाट रेजिमेंट के लांस नायक सुभाष चंद्र (28) शहीद हो गए थे। 

इस महीने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हिंसा में शहीद होने वाले जवानों की संख्या 11 हो गई है। 15 जुलाई को डोडा जिले में संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में 10 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन और तीन जवान शहीद हो गए थे। वहीं 8 जुलाई को कठुआ जिले के मच्छेड़ी जंगल में सेना के दो ट्रकों पर घात लगाकर किए गए हमले में 22 गढ़वाल राइफल्स के पांच जवान शहीद हो गए थे। कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में, लोलाब घाटी के जंगलों में आतंकवादियों के होने की खबर मिली थी। इस सूचना पर सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। मंगलवार को सुरक्षा बलों को त्रिमुख टॉप में एलओसी के पास कुछ आतंकवादी छिपे हुए मिले। मुठभेड़ शुरू हो गई। रात भर चले इस ऑपरेशन में नायक खान गंभीर रूप से घायल हो गए। अधिकारियों ने खबर लिखे जाने तक मारे गए आतंकवादी की पहचान उजागर नहीं की है।

त्रिमुख टॉप का जंगल उस सैन्य शिविर के पास है, जो लोलाब घाटी पर नज़र रखता है। यह जंगल लोलाब को बांदीपोरा और बारामूला जिलों से जोड़ने वाला एक रणनीतिक गलियारा है। एलओसी पार करने के बाद, आतंकवादी अक्सर इस जंगल का इस्तेमाल एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए करते हैं। सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने जम्मू में लांस नायक चंद्र को श्रद्धांजलि दी। एक अधिकारी ने कहा कि उनके पार्थिव शरीर को उनके गृहनगर यूपी भेजे जाने से पहले भारतीय वायुसेना स्टेशन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

इस साल गर्मियों में, आतंकवादी हिंसा ज्यादातर पीर पंजाल पहाड़ों के दक्षिण में केंद्रित थी। पीर पंजाल पर्वत जम्मू और कश्मीर घाटी को अलग करते हैं। 9 से 12 जून के बीच रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में हुए चार हमलों के बाद जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हिंसा में उछाल देखने को मिला, जिसमें सात तीर्थयात्रियों, उनके स्थानीय बस चालक, कंडक्टर और सीआरपीएफ के एक कांस्टेबल शहीद हो गए। अक्टूबर 2021 से अब तक जम्मू में कम से कम 50 सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं, जिनमें सेना के 40 जवान और भारतीय वायुसेना का एक जवान शामिल है। जम्मू पहले आतंकवाद से मुक्त क्षेत्र था।

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