- "हाईवे पार्किंग स्थल नहीं है", सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि एंबुलेंस, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, छात्रों आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोली जाए।

शंभू बॉर्डर को खोलने को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के अंदर शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईवे पार्किंग की जगह नहीं है। हरियाणा सरकार एंबुलेंस, स्कूल बसों, आपातकालीन सेवाओं और स्थानीय लोगों के लिए हाईवे की एक लेन खोल सकती है। इससे जनजीवन आसान हो जाएगा।

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सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी पंजाब और डीजीपी हरियाणा के साथ-साथ अंबाला और पटियाला जिलों के पुलिस प्रमुखों को एक हफ्ते के अंदर बैठक करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि हम मामले को लंबित रखते हैं। किसानों को भी यह महसूस नहीं होना चाहिए कि उन्हें अलग-थलग कर दिया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए गठित होने वाले पैनल की शर्तों पर संक्षिप्त आदेश पारित किया जाएगा। 

मध्यस्थता समिति के सदस्यों के नाम दिए गए

दरअसल, हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार की इस याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने आंदोलनकारी किसानों से बातचीत के लिए निष्पक्ष समिति के सदस्यों के नाम सुप्रीम कोर्ट को दिए हैं। ये समिति के सदस्य किसानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थ का काम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों द्वारा सुझाए गए नामों पर संतोष जताया है।

सुप्रीम कोर्ट पहले भी हरियाणा सरकार को फटकार लगा चुका है

इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच कर रही है। हरियाणा की ओर से एसजी तुषार मेहता और पंजाब की ओर से एजी गुरमिंदर सिंह ने अपना पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी हरियाणा सरकार को बॉर्डर बंद रखने पर फटकार लगाई थी। बता दें कि फसलों के एमएसपी को लेकर किसान 2024 से आंदोलन कर रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने पंजाब और हरियाणा की शंभू सीमा को बंद कर दिया था।

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