BEML इस समय भारतीय रेलवे के लिए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप बनाने में लगी हुई है। उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीनों में यह काम पूरा हो जाएगा।
वंदे भारत ट्रेनें अब निर्यात के लिए तैयार हैं। यह जानकारी सरकारी स्वामित्व वाली भारी उपकरण निर्माता कंपनी BEML लिमिटेड ने दी। उसे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में रक्षा के साथ-साथ रेल और मेट्रो से होने वाले राजस्व को मजबूती मिल सकती है।
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माना जा रहा है कि कुछ सालों में उसे वंदे भारत और मेट्रो ट्रेनों के लिए निर्यात ऑर्डर मिलने शुरू हो जाएंगे। शांतनु रॉय BEML के चेयरमैन हैं। इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'सबसे पहले हमारा लक्ष्य देश में स्वदेशी वंदे भारत ट्रेनें पटरियों पर दौड़ाना है। लेकिन, अगले साल हम इसके निर्यात की दिशा में काम करेंगे।'
BEML इस समय भारतीय रेलवे के लिए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप बनाने में लगी हुई है। उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीनों में यह काम पूरा हो जाएगा। कंपनी ने बताया कि मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है।
साथ ही, वंदे भारत और मेट्रो के मध्य पूर्व, दक्षिण अमेरिका और एशियाई देशों में निर्यात की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। रॉय ने बताया कि मौजूदा निर्यात दर 4 प्रतिशत है, जिसे 10 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं।
दूसरी ओर, पश्चिम रेलवे की ओर से एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई है। बताया गया कि गुजरात के राजकोट और भावनगर मंडल के सभी स्टेशनों पर क्यूआर कोड उपलब्ध करा दिए गए हैं। यात्री क्यूआर कोड के जरिए टिकट किराया का भुगतान कर सकते हैं।
मंडल रेल प्रवक्ता ने बताया कि इस नई पहल के तहत राजकोट मंडल के राजकोट, जामनगर, सुरेंद्र नगर, द्वारका समेत सभी छोटे-बड़े स्टेशनों के टिकट काउंटरों पर क्यूआर कोड उपलब्ध हैं। इनके जरिए रेलवे टिकटों का भुगतान स्वीकार करने की सुविधा प्रदान की गई है। मंडल रेल प्रबंधक ने यात्रियों से डिजिटल तरीके से टिकट किराया भुगतान करने के लिए क्यूआर कोड का उपयोग करने का अनुरोध किया है।a