जब से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है, तब से कयास लगाए जा रहे थे कि आतिशी को अरविंद केजरीवाल अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बना सकते हैं।
आतिशी मार्लेना दिल्ली सरकार की नई मुख्यमंत्री होंगी। आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में खुद अरविंद केजरीवाल ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिस पर पार्टी के सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से सहमति जताई। आतिशी मार्लेना को अरविंद केजरीवाल का बेहद विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है। वह इस समय दिल्ली सरकार में वित्त मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय समेत छह बड़े मंत्रालय संभाल रही हैं। आतिशी का प्रशासनिक अनुभव, मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि, दिल्ली सरकार की योजनाओं को आकार देने में अहम भूमिका और महिला होने के कारण उनका नाम अन्य सभी दावेदारों पर भारी पड़ा। सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोपाल राय ने विधायकों की बैठक के बाद घोषणा की कि अगले विधानसभा चुनाव के बाद नया मुख्यमंत्री चुने जाने तक वह इस पद पर बनी रहेंगी।
जब से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है, तब से कयास लगाए जा रहे थे कि आतिशी को अरविंद केजरीवाल अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बना सकते हैं। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी ने सरकार की बड़ी जिम्मेदारी संभाली। भाजपा के राजनीतिक हमलों का जवाब देने में भी उनकी भूमिका सबसे आगे है।
जब से आम आदमी पार्टी शराब घोटाले में घिरी है, तब से माना जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाओं के मुद्दे पर केजरीवाल को घेर सकती है। लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार में एक महिला के सबसे आगे होने से भाजपा के लिए आतिशी पर हमला करना आसान नहीं होगा। महिलाओं के लिए योजनाओं को आगे रखकर भाजपा के हमलों को नाकाम करने में आतिशी सबसे अहम भूमिका निभा सकती हैं।
अभी यह साफ नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी किसके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगी, लेकिन जिस तरह से पार्टी सुषमा स्वराज की बेटी और नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज को आगे बढ़ा रही है, उससे माना जा रहा है कि वह उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में चेहरा बना सकती है। स्मृति ईरानी को लेकर भी चर्चा है कि भाजपा उन्हें भी दिल्ली की राजनीति में आगे बढ़ा सकती है। लेकिन आतिशी के मैदान में आने से भाजपा को कड़ी टक्कर मिल सकती है।
बिहार में जीतन राम मांझी और झारखंड में चंपई सोरेन के अनुभव को देखते हुए आम आदमी पार्टी ऐसे चेहरे को कमान सौंपना चाहेगी जो बाद में बगावत न करे और अरविंद केजरीवाल की सत्ता को चुनौती न दे। आतिशी मार्लेना की अरविंद केजरीवाल से वैचारिक समानता को देखते हुए पार्टी नेताओं का मानना है कि वह केजरीवाल की मजबूत सहयोगी साबित हो सकती हैं। पार्टी को यह भी भरोसा है कि उनके नेतृत्व में पार्टी कभी नहीं टूटेगी।
आम आदमी पार्टी ने बहुत ही चतुराई से आतिशी के नाम की घोषणा गोपाल राय से करवाई, जो इस पूरी कैबिनेट में न सिर्फ सबसे वरिष्ठ हैं, बल्कि सबसे अनुभवी भी हैं। वह आंदोलन के दिनों से ही अरविंद केजरीवाल के साथ हैं। अरविंद केजरीवाल भी उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को बखूबी जानते हैं। शायद यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल ने उनके सम्मान को देखते हुए आतिशी के नाम की घोषणा करवाई।