- काल भैरव उज्जैन: उपहारों से भर गया काल भैरव का खजाना, दो माह में चढ़ा 25 लाख रुपए का चढ़ावा

काल भैरव उज्जैन: उपहारों से भर गया काल भैरव का खजाना, दो माह में चढ़ा 25 लाख रुपए का चढ़ावा

उज्जैन में महाकाल मंदिर के बाद काल भैरव मंदिर दूसरा ऐसा मंदिर है जहां सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं. यहां भगवान काल भैरव को मदिरा का भोग लगाया जाता है. भक्त उन्हें मदिरा पीते हुए देखने के लिए आतुर रहते हैं. उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद काल भैरव मंदिर में दर्शनार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है.

भगवान कालभैरव का खजाना देशभर से आए श्रद्धालुओं के दान से भर गया है। मंदिर समिति ने दो महीने बाद मंदिर की आठ दान पेटियों को खोला है। मंदिर कार्यालय में कैमरों की निगरानी में दो दिनों तक चली दान की गिनती में मंदिर समिति को करीब 25 लाख रुपए की राशि मिली है।

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 मंदिर व्यवस्थापक संध्या मार्कण्डेय ने बताया कि कालभैरव मंदिर में अलग-अलग स्थानों पर करीब 8 दान पेटियां रखी हैं। दो से तीन महीने में या पेटियां भर जाने पर इनकी गिनती की जाती है। इस बार पेटियां दो महीने बाद खोली गईं।

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दो दिन में 8 गिफ्ट बॉक्स खुले

गुरुवार को पांच बड़े बॉक्स खुले, इन बॉक्स से 16 लाख 48 हजार 970 रुपए मिले। शुक्रवार को तीन छोटे गिफ्ट बॉक्स खुले, इनसे 8 लाख 48 हजार 855 रुपए मिले। इस तरह दो दिन में 8 गिफ्ट बॉक्स से कुल 24 लाख 97 हजार 825 रुपए मिले।

महाकाल के बाद कालभैरव मंदिर में आते हैं भक्त

दान की राशि का बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों ने हिसाब लगाया। प्राप्त राशि बैंक में जमा करा दी गई है। दर्शन के लिए देशभर से भक्त आते हैं। ज्योतिर्लिंग महाकाल के बाद कालभैरव शहर का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भक्तों की संख्या सबसे ज्यादा होती है।

कालभैरव को चढ़ाई जाती है मदिरा

यहां देशभर से भक्त दर्शन पूजन के लिए आते हैं। भगवान कालभैरव को मदिरा चढ़ाई जाती है। हर भक्त की इच्छा होती है कि भगवान को मदिरा पीते हुए देखें, इसलिए भक्त यहां खींचे चले आते हैं। महाकाल महालोक के निर्माण के बाद से कालभैरव मंदिर में दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

वैदिक रीति-रिवाज से संपन्न हुआ श्रीराम-जानकी का विवाह

अगहन शुक्ल पंचमी पर श्री रामजनार्दन मंदिर में श्री राम विवाह का आयोजन किया गया। शाम को गोधूलि बेला में पंडितों ने वैदिक रीति-रिवाज से भगवान श्री राम जानकी का विवाह संपन्न कराया। विवाह समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल भी शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे।

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उन्होंने मत्था टेकने के बाद प्रसादी ग्रहण की और कहा कि इस धार्मिक, प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल पर आकर उन्हें दिव्य अनुभूति हो रही है। मान्यता है कि भगवान श्री राम और सीता जी का विवाह अगहन मास के शुक्ल पक्ष की विवाह पंचमी को हुआ था। इसी मान्यता के अनुसार युवा शक्ति सांस्कृतिक समिति द्वारा हर साल श्री राम जनार्दन मंदिर में राम विवाह का आयोजन किया जाता है।

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अभिषेक शर्मा ने बताया कि शुक्रवार सुबह भगवान श्रीराम, सीता माता व लक्ष्मण जी का पंचामृत अभिषेक कर पूजन किया गया। इसके बाद भगवान को नवीन वस्त्र धारण करवाकर विशेष श्रृंगार किया गया। दिनभर विवाह की रस्में निभाई गई, महिलाओं ने मंगल गान गाए।

 शाम को गोधूलि बेला में वैदिक रीति से विवाह संपन्न कराया गया। प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने आरती की। श्रीराम विवाह के अवसर पर मंदिर में आकर्षक दीपमाला सजाई गई। श्रद्धालुओं को महाप्रसादी वितरित की गई। यशोधरा शर्मा, सुरेन्द्र चतुर्वेदी, राकेश तिवारी, अभिषेक शर्मा सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।

 

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