- ‘शादी के बहाने सपा-बसपा के रिश्ते मजबूत न हों’… नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने पर मायावती को देनी पड़ी सफाई

‘शादी के बहाने सपा-बसपा के रिश्ते मजबूत न हों’… नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने पर मायावती को देनी पड़ी सफाई

उत्तर प्रदेश में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने हाल ही में पार्टी के पुराने नेता सुरेंद्र सागर और अन्य को पार्टी से निकाल दिया है। बहनजी की सुरेंद्र सागर के खिलाफ कार्रवाई को उनके बेटे की एसपी विधायक की बेटी से शादी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि बाद में मायावती ने खुद सफाई दी कि उनकी कार्रवाई का शादी से कोई लेना-देना नहीं है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक शादी की खूब चर्चा हो रही है। यह शादी समाजवादी पार्टी के अंबेडकर नगर विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी की है। खास बात यह है कि सपा विधायक की बेटी की शादी बीएसपी नेता सुरेंद्र सागर के बेटे अंकुर सागर से हुई है।

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 इस शादी की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि इस दौरान बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने वरिष्ठ नेता सुरेंद्र सागर को पार्टी से निकाल दिया। सुरेंद्र सागर खुद नहीं समझ पाए कि उन्होंने ऐसा क्या कर दिया कि बहनजी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया।

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शादी से कोई लेना-देना नहीं... बहनजी को देनी पड़ी सफाई

सपा विधायक की बेटी से शादी के कारण पार्टी से निष्कासन की खबर जब मायावती तक पहुंची तो उन्हें सफाई देने आना पड़ा। मायावती ने कहा कि नेताओं पर कार्रवाई का शादी से कोई लेना-देना नहीं है।

मायावती ने एक्स पर लिखा- कौन किस पार्टी के लोगों से संबंध बना रहा है, इसका बीएसपी से कोई लेना-देना नहीं है। लोग स्वतंत्र हैं, वे जहां चाहें संबंध बना सकते हैं। यह सब उनकी सोच पर निर्भर करता है।

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बहनजी ने कहा कि रामपुर जिले के पूर्व पार्टी अध्यक्ष सुरेंद्र सागर और तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष प्रमोद कुमार के बीच आपसी लड़ाई चरम पर थी। इसलिए दोनों को एक साथ निष्कासित कर दिया गया, जिसका शादी से कोई लेना-देना नहीं है।

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(आशीर्वाद देने के लिए अखिलेश यादव भी पहुंचे थे।)

हमारे नेताओं को शादी में आने से क्यों रोका जाएगा?

मायावती ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी शादी में जाने से रोका गया। मायावती ने लिखा कि पार्टी के लोगों को इसलिए रोका गया क्योंकि उनकी बेटी सपा के टिकट पर मीरापुर से विधानसभा उपचुनाव लड़ रही थी, बसपा भी उनके खिलाफ यह उपचुनाव लड़ रही थी।

उन्होंने आगे लिखा- शादी में दोनों पक्षों के लोगों के बीच झड़प होने की आम चर्चा थी, इससे बचने के लिए पार्टी को फिर यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा, लेकिन जिस तरह से इसका प्रचार किया जा रहा है वह सही नहीं है।

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