- मध्य प्रदेश के आईपीएस अफसरों को ज्योतिष का शौक... कोई कर रहा शोध, कोई लिख रहा किताब

मध्य प्रदेश के आईपीएस अफसरों को ज्योतिष का शौक... कोई कर रहा शोध, कोई लिख रहा किताब

पूर्व सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला, पूर्व डीजी एसएस लाल, आईपीएस अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव मध्य प्रदेश के उन पुलिस अधिकारियों में शामिल हैं जो वर्तमान में ज्योतिष पर काम कर रहे हैं। किसी को बचपन से ही ज्योतिष में रुचि थी, तो किसी को नौकरी के दौरान इसमें रुचि पैदा हुई।

मध्य प्रदेश के कई पुलिस अधिकारी इन दिनों ज्योतिष का अध्ययन करने में रुचि ले रहे हैं। चाहे वह पूर्व सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला हों या पूर्व डीजी पुलिस एसएस लाल। खेल निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए आईपीएस अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव भी ज्योतिष के प्रति काफी आकर्षित हैं।

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सितंबर में एडीजी (अजाक) के पद से सेवानिवृत्त हुए राजेश गुप्ता की भी बचपन से ही ज्योतिष में रुचि रही है और पुलिस सेवा में आने के बाद भी इसमें कमी आने के बजाय और वृद्धि हुई है। ऋषि कुमार शुक्ला ज्योतिष में शोध को बढ़ाने में लगे हैं।

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उनका कहना है, ज्योतिष भविष्य बताने के नाम पर डराने और उपाय बताने का विषय नहीं है। एसएस लाल ने ज्योतिष पर किताबें भी लिखी हैं। कई आईएएस अफसरों को भी ऐसे ही शौक रहे हैं। इनमें डीएस माथुर, जेएस माथुर शामिल हैं।

ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा- ज्योतिष में फैली कई भ्रांतियां

ऋषि कुमार शुक्ला कहते हैं, 'समय को समझने का प्रयास सभी मानवीय खोजों में सबसे ऊपर रहा है। भविष्य जानने की चाह मनुष्य को कर्म की ओर प्रेरित करती है। पूरा विज्ञान इसी में लगा है कि भविष्य को कैसे बेहतर बनाया जाए।'

उनके मुताबिक, 'आज ज्योतिष में कई भ्रांतियां फैल गई हैं। किसको क्या परेशानी हो सकती है, उसका उपाय क्या होगा? ज्योतिष में यही सब चल रहा है। इन भ्रांतियों को कैसे दूर किया जाए। शोध करके कैसे सही दिशा में पहुंचा जाए।'

'ज्योतिष की सही व्याख्या होनी चाहिए। यही हमारा प्रयास है। इसके लिए हमने एक संगठन भी बनाया है। मेरे परिवार में ज्योतिष और आयुर्वेद का पालन पीढ़ियों से होता आ रहा है। मेरी भी इसमें शुरू से ही रुचि रही है। लगभग 25 वर्ष पहले जब मैंने इस विषय पर शोध किया तो मेरी जिज्ञासा और बढ़ गयी।

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ज्योतिष के प्रति जिज्ञासा ने सीखने की ललक बढ़ाई

ज्योतिष में अपनी रुचि के बारे में रिटायर्ड डीजीपी एसएस लाल कहते हैं, 'बचपन से ही मेरी जिज्ञासा रही है। कोई साथ मिल जाता है तो मैं इसमें आगे बढ़ जाता हूं। जब मैं आईआईटी कानपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, तब कुछ छात्र हाथ देखकर भविष्य बताते थे। मेरी भी जिज्ञासा बढ़ी।'

'जब मैं सेवा में आया तो भिंड में एएसपी था। वहां हिंदी के प्रोफेसर डॉ. एसएस शर्मा ने मेरी शादी और ट्रांसफर को लेकर जो भविष्यवाणी की थी, वह सही निकली। इसके बाद मैंने उनसे सीखना शुरू किया। बिजली विभाग में राकेश साहनी के साथ काम किया। उन्हें भी इस विषय में जिज्ञासा थी। मैंने ज्योतिष पर दो किताबें भी लिखी हैं।

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सीखने का निरंतर प्रयास रहता है

सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजेश गुप्ता कहते हैं कि वे काफी समय से ज्योतिष पर काम करने वाले लोगों के संपर्क में हैं। उनके पिता को भी यह शौक था। वे आईएफएस अधिकारी थे। किसी भी प्राकृतिक और छुपी हुई चीज को जानना और समझना मेरा शौक है, जिसमें रेकी और होम्योपैथी भी शामिल है। इसके लिए मैं किताबों का अध्ययन भी करता रहता हूं।

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