- अब पूरी क्षमता से काम करेगा सुप्रीम कोर्ट, तीन नए जज शामिल हुए; जस्टिस विजय विश्नोई ने हिंदी में ली जज पद की शपथ

अब पूरी क्षमता से काम करेगा सुप्रीम कोर्ट, तीन नए जज शामिल हुए; जस्टिस विजय विश्नोई ने हिंदी में ली जज पद की शपथ

जस्टिस विजय बिश्नोई ने हिंदी में ली शपथ। गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके जस्टिस बिश्नोई राजस्थान हाईकोर्ट से हैं। उन्हें चीफ जस्टिस बीआर गवई ने शपथ दिलाई। गवई ने भी पहले हिंदी में शपथ ली थी। सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या अब 34 हो गई है। 

नई दिल्ली। अंग्रेजी बोलने और सुनने की आदी सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हिंदी का इस्तेमाल हुआ। सुप्रीम कोर्ट के नवनियुक्त जज विजय बिश्नोई ने हिंदी में ली शपथ। गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विजय बिश्नोई ने शुक्रवार को हिंदी में शपथ ली। जस्टिस बिश्नोई गुवाहाटी हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट आए हैं जस्टिस बिश्नोई गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पद से प्रमोट होकर सुप्रीम कोर्ट आए हैं, लेकिन वे मूल रूप से राजस्थान के हैं और राजस्थान हाईकोर्ट उनका पैतृक हाईकोर्ट है। राजस्थान हिंदी भाषी राज्य है। न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई को मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने शपथ दिलाई और न्यायमूर्ति गवई ने भी 14 मई को हिंदी में सीजेआई के रूप में शपथ ली थी।

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    तीन नए न्यायाधीशों ने शपथ ली


    शुक्रवार को तीन नए न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया, न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई और न्यायमूर्ति अतुल एस चंदुरकर ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। सीजेआई बीआर गवई ने तीनों न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। तीन न्यायाधीशों में से दो, एनवी अंजारिया और अतुल एस चंदुरकर ने अंग्रेजी में पद की शपथ ली, जबकि न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई ने हिंदी में शपथ ली।

    तीन नए न्यायाधीशों के पदभार ग्रहण करने के बाद, सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या 34 हो गई है, जो सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण कार्यक्षमता है। सीजेआई सहित सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के कुल स्वीकृत पद 34 हैं। तीन नए न्यायाधीशों के आने के बाद, सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों का कोई पद रिक्त नहीं है। हालांकि, न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी 9 जून को सेवानिवृत्त होंगी और उसके बाद फिर से एक पद रिक्त हो जाएगा।

    तीन जजों के रिटायर होने के बाद खाली हुए थे पद


    पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय के रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों के तीन पद खाली हो गए थे। इन्हें भरने के लिए मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की 26 मई को बैठक हुई थी, जिसमें कॉलेजियम ने कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी अंजारिया, गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विजय बिश्नोई और बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश अतुल एस चंदुरकर को सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर पदोन्नत करने की सिफारिश की थी।

    इसके बाद सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश को स्वीकार करते हुए तीनों जजों की सुप्रीम कोर्ट के जज के पद पर नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी और आज शुक्रवार को तीनों जजों ने शपथ लेकर कार्यभार संभाल लिया है।

    कॉलेजियम ने की थी नामों की सिफारिश


    जब कॉलेजियम ने उनके नामों की सिफारिश की, तब जस्टिस अंजारिया कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे, उनका मूल उच्च न्यायालय गुजरात उच्च न्यायालय है, जस्टिस विजय बिश्नोई गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे, उनका मूल उच्च न्यायालय राजस्थान उच्च न्यायालय है और जस्टिस अतुल एस चंदुरकर बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे।

    जस्टिस अंजारिया को 21 नवंबर 2011 को गुजरात उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसके बाद वे 6 सितंबर 2013 को स्थायी न्यायाधीश बन गए और 25 फरवरी 2024 को वे कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बन गए।

    जस्टिस विजय बिश्नोई को 8 जनवरी 2013 को राजस्थान उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसके बाद वे 7 जनवरी 2015 को स्थायी न्यायाधीश बन गए और 5 फरवरी 2024 को उन्हें गुवाहाटी उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। जस्टिस अतुल एस चंदुरकर ने 1988 में एक वकील के रूप में पंजीकरण कराया और बॉम्बे उच्च न्यायालय और नागपुर में वकालत की। 21 जून 2013 को उन्हें बॉम्बे उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

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