लक्षद्वीप प्रशासन के राजस्व विभाग ने इस संबंध में सामाजिक प्रभाव आकलन (एसआईए) हेतु एक अधिसूचना जारी की है।
इसके तहत, यह अध्ययन किया जाएगा कि बित्रा द्वीप के अधिग्रहण का वहाँ के समाज, संस्कृति, पर्यावरण और निवासियों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियाँ बटोरने वाला छोटा द्वीप समूह बित्रा द्वीप एक बार फिर चर्चा में है।
इस बार वजह पर्यटन या प्राकृतिक सुंदरता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने संकेत दिए हैं
कि सुरक्षा कारणों से अब इस द्वीप का अधिग्रहण किया जाएगा। आपको बता दें कि लक्षद्वीप द्वीपसमूह में केवल 10 द्वीप हैं जहाँ आबादी निवास करती है।
इन्हीं में से एक बित्रा है, जो भौगोलिक दृष्टि से भले ही छोटा हो, लेकिन सामरिक दृष्टि से इसका महत्व बेहद बड़ा है।
यह द्वीप हिंद महासागर में भारत की नौसैनिक उपस्थिति और समुद्री निगरानी के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।
खासकर चीन जैसे देश की बढ़ती समुद्री गतिविधियों को देखते हुए मोदी सरकार का मानना है कि बित्रा को सैन्य दृष्टि से विकसित करना जरूरी है।