भाजपा की तेजतर्रार नेता कही जाने वाली उमा भारती का कहना है कि राजनीति में कोई संन्यास नहीं होता। वह अभी 20 साल और सक्रिय रहेंगी। अब गंगा, गाय और शराबबंदी पर संघर्ष जारी रहेगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेजतर्रार और लोकप्रिय नेता उमा भारती ने भोपाल में कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के '75 साल की उम्र के बाद राजनीति से संन्यास' संबंधी बयान पर उन्होंने कहा कि इस बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीति एक ऐसा पेशा है जिसमें कोई संन्यास नहीं होता।
उमा भारती ने कहा, "समाज में ऐसे कई पेशे हैं जिनमें अंतिम सांस तक सेवा की जाती है, जैसे डॉक्टर, लेखक, कवि, शिक्षक, पत्रकार और राजनेता। राजनीति में सक्रियता की कोई उम्र नहीं होती। मोहन भागवत का बयान भले ही पद या कुर्सी को लेकर हो, लेकिन सक्रियता उम्र नहीं देखती।" राजनीति में लंबी पारी खेलने का इरादा
अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में पूछे जाने पर, उमा भारती ने दो टूक जवाब दिया - "मैं 15 से 20 साल और राजनीति करूँगी। और अगर मेरी इच्छा हुई, तो मैं चुनाव भी लड़ूँगी।"
हर दौर में उत्पीड़न का आरोप
अपने पुराने दिनों को याद करते हुए, उमा भारती ने दावा किया कि हर सरकार के दौर में उन्हें और उनके परिवार को परेशान किया गया। किसी भी पार्टी का नाम लिए बिना, उन्होंने भाजपा और कांग्रेस, दोनों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "1990 से 1992 के बीच मुझे सरकारी मशीनरी से उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। 2013 में व्यापम घोटाले के दौरान भी मेरा नाम घसीटा गया। मुझे मानसिक रूप से बहुत प्रताड़ित किया गया।"
उन्होंने जाँच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए और कहा कि सीबीआई को स्पष्ट करना चाहिए कि उनका नाम व्यापम घोटाले से क्यों जोड़ा गया। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या उनके नाम की आड़ में असली दोषियों को बचाया गया?
परिवार से दूरी, सामाजिक मुद्दों पर ध्यान
उमा भारती ने यह भी घोषणा की कि वह अब अपने परिवार से पूरी तरह अलग हो रही हैं और गंगा शुद्धिकरण, गौरक्षा और शराबबंदी जैसे मुद्दों पर संघर्ष जारी रखेंगी। उन्होंने इन मुद्दों को अपनी प्राथमिकता बताया।
सरकारों को ठोस कदम उठाने की सलाह
गंगा सफाई और गौरक्षा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केंद्र और मध्य प्रदेश सरकारें प्रयास कर रही हैं, लेकिन अब और ठोस व सख्त कदमों की जरूरत है। शराबबंदी पर भी उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में सख्ती दिखानी चाहिए।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की तारीफ करते हुए उमा भारती ने कहा, "वे पढ़े-लिखे हैं और अच्छे प्रशासक हैं, अच्छा काम कर रहे हैं।" साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दौर को याद करते हुए उन्होंने कहा, "उस समय लड़ाई की बात होती थी, लेकिन कई बार 'बचाओ, बचाओ' का माहौल बनता था। सहानुभूति भी मिलती थी।"