पुणे में शिवसेना (शिंदे गुट) ने आदित्य ठाकरे पर निशाना साधते हुए वंशवाद और घोटालों पर तीखे पोस्टर लगाए हैं। ये पोस्टर विधानसभा में आदित्य ठाकरे के बयान के बाद सामने आए हैं।
पुणे में शिवसेना (शिंदे गुट) ने आज (19 जुलाई) आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे गुट के खिलाफ पोस्टर लगाए हैं, जिनमें वंशवाद और घोटालों को लेकर तंज कसा गया है। ये पोस्टर आदित्य ठाकरे द्वारा विधानसभा में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधने के कुछ दिनों बाद लगाए गए हैं।
आपको बता दें कि शिंदे गुट द्वारा जारी पोस्टर में मीठी नदी घोटाले का ज़िक्र है और आदित्य को कार्टून के तौर पर दिखाया गया है और लिखा है, "यह बैटरी जल्द ही डिस्चार्ज हो जाएगी... यह वंशवाद से चलती है।"
शिंदे गुट का पलटवार
पुणे के प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर ये पोस्टर लगाए गए थे। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, इनमें मीठी नदी घोटाले का भी ज़िक्र था, "गिनते रहो... कितने जेल जाएँगे।" ये पोस्टर शिवसेना पुणे शहर प्रमुख प्रमोद (नाना) भांगेरे ने लगाए थे। शिंदे गुट ने इसे आदित्य के बयानों का जवाब बताया।
विधानसभा से सड़क तक सियासी संग्राम
विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान, आदित्य ठाकरे ने शिंदे का नाम लिए बिना उन्हें "गद्दार" और "बेशर्म" कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि शिंदे ने अपने ही नेता उद्धव ठाकरे को धोखा दिया। इस दौरान, विपक्ष के नेता भास्कर जाधव ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर पक्षपात का आरोप भी लगाया। इन आरोप-प्रत्यारोपों का असर अब सड़कों पर भी दिखाई दे रहा है, जिससे साफ है कि आगामी नगर निगम चुनावों से पहले दोनों गुटों के बीच राजनीतिक टकराव तेज हो गया है।
नाम बदलने की राजनीति पर भी संग्राम
इस बीच, इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस विधायक असलम शेख ने कहा कि सरकार का ध्यान शहर की बुनियादी सुविधाओं के बजाय नाम बदलने पर है।
शिवसेना (यूबीटी) के अंबादास दानवे ने आरोप लगाया कि यह सरकार केवल जातिवाद और टकराव को बढ़ावा दे रही है। एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने भी कहा कि नाम परिवर्तन की मांग बहुत सीमित लोगों द्वारा की गई थी।