विहिप "जिहादी-मुक्त दिल्ली" के संकल्प के साथ दिल्ली में छठ पूजा के लिए शुद्ध पूजा सामग्री उपलब्ध कराएगी। 30 स्टॉल लगाए जाएँगे जहाँ प्रमाणित सामग्री उपलब्ध होगी।
राजधानी दिल्ली में छठ पर्व की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के इंद्रप्रस्थ प्रांत ने इस वर्ष एक विशेष पहल शुरू की है। परिषद ने घोषणा की है कि वह "जिहादी-मुक्त दिल्ली" के संकल्प के साथ छठ पूजा के लिए श्रद्धालुओं को शुद्ध और प्रमाणित पूजा सामग्री उपलब्ध कराएगी। इस पहल के तहत, दिल्ली में लगभग 30 स्थानों पर विहिप के स्टॉल लगाए जा रहे हैं, जहाँ लोग बिना किसी डर या संदेह के पूजा सामग्री खरीद सकेंगे।
विहिप के प्रांतीय मंत्री सुरेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य श्रद्धालुओं को शुद्ध, पारंपरिक और विश्वसनीय पूजा सामग्री उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा, "हमारे त्योहार हमारी आत्मा हैं। छठ जैसे पवित्र पर्व पर पवित्रता और पारंपरिक भावना का पालन आवश्यक है। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि श्रद्धालुओं को सही स्रोत से सही सामग्री प्राप्त हो।"
सत्यापन प्रक्रिया के बाद दिया जाएगा आधिकारिक स्टीकर
परिषद ने "सनातन प्रतिष्ठा" स्टीकर अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान के तहत, दिल्ली में इच्छुक हिंदू दुकानदारों और फेरीवालों को सत्यापन प्रक्रिया के बाद यह आधिकारिक स्टीकर दिया जाएगा। दुकानों का पहले पंजीकरण किया जाएगा, फिर स्थानीय प्रतिनिधियों द्वारा उनकी पहचान और दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा, उसके बाद निरीक्षण किया जाएगा। उसके बाद ही प्रमाणीकरण और स्टीकर जारी किए जाएँगे। इस स्टीकर वाली दुकानों से खरीदी गई पूजा सामग्री विहिप द्वारा प्रमाणित मानी जाएगी।
यह अभियान पारदर्शी तरीके से चलाया जा रहा है।
विहिप का कहना है कि यह अभियान किसी समुदाय के विरुद्ध नहीं है, बल्कि हिंदू समाज की धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक गौरव और सनातन परंपराओं की रक्षा के लिए है। परिषद ने यह भी स्पष्ट किया है कि पूरा अभियान शांतिपूर्ण, कानूनी और पारदर्शी तरीके से चलाया जा रहा है।
परिषद ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे केवल प्रमाणित दुकानों से ही खरीदारी करें। "सनातन प्रतिष्ठा" स्टीकर की जाँच के बाद ही पूजा सामग्री खरीदें। जो दुकानदार इसमें भाग लेना चाहते हैं, वे अपने नजदीकी विहिप कार्यालय में पंजीकरण और सत्यापन करा सकते हैं।
गौरतलब है कि छठ उत्तर भारत का एक प्रमुख लोकपर्व है, जिसमें सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के पूर्वांचली समुदाय में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।