बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे गरीब उम्मीदवार का नाम और संपत्ति जानकर आप हैरान रह जाएँगे। उनकी पत्नी एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं और इस उम्मीदवार के पास न तो कोई संपत्ति है और न ही कोई व्यवसाय। जानिए कौन हैं वो उम्मीदवार।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही समय बचा है। मतदान 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। मतदान के बाद 14 नवंबर को मतगणना होगी और उसी दिन नतीजे घोषित होने की उम्मीद है। चुनाव प्रचार अब ज़ोरों पर है। इस बीच, उम्मीदवारों के हलफनामों में दर्ज संपत्ति को लेकर खुलासे हुए हैं। इन सबके बीच, एक ऐसा उम्मीदवार सामने आया है जिसके पास न तो कोई संपत्ति है और न ही कोई रसूख। उसके पास न तो कोई संपत्ति है और न ही कोई व्यवसाय। उस उम्मीदवार का नाम कयामुद्दीन अंसारी है, जो आरा विधानसभा सीट से महागठबंधन के भाकपा-माले उम्मीदवार हैं।
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 'सबसे गरीब उम्मीदवार'
50 वर्षीय भाकपा (माले) उम्मीदवार कयामुद्दीन अंसारी की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने आरा के एमएचडी जैन कॉलेज से उर्दू में एमए किया है। वे अंसारी जाति से हैं, एक बुनकर हैं और अत्यंत पिछड़े वर्ग से आते हैं। उनके पास कोई संपत्ति या व्यवसाय नहीं है, और उनकी पत्नी खुशबू एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं, जो उनके परिवार की नियमित आय का एकमात्र स्रोत हैं। उनके हलफनामे के अनुसार, उन्होंने अपनी आय ₹20,000 नकद और ₹5,000 बैंक खाते में घोषित की है।
आरा से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं
कयामुद्दीन इससे पहले भी आरा से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं। 2020 में, वे भाजपा के अमरेंद्र प्रताप सिंह से मात्र 3,002 मतों से हार गए थे, लेकिन उस चुनाव में भी उनके संघर्ष और सादगी की चर्चा हुई थी। इस बार आरा सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के संजय सिंह टाइगर और जन सुराज के डॉ. विजय कुमार गुप्ता जैसे मज़बूत उम्मीदवारों से है।
पैसे नहीं होंगे तो प्रचार कैसे करेंगे? यही उनका जवाब है।
इस बार भी कयामुद्दीन की ईमानदारी और सादगी ने लोगों का दिल जीत लिया है। जब उनसे पूछा गया कि पैसे नहीं होंगे तो प्रचार कैसे करेंगे, तो उन्होंने कहा, "मैं जनता के विश्वास से जीतूँगा।" वह गाँव-गाँव जाकर लोगों से छोटा-मोटा चंदा इकट्ठा कर रहे हैं। कोई 50 रुपये देता है, कोई 100 रुपये। इसी पैसे से वह पोस्टर छपवाते हैं और साइकिल से घर-घर जाकर लोगों से मिलते हैं।