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सीबीआई के पहुंचने से पहले राजभवन से बाहर निकल गए थे तेजस्वी यादव
पटना । बिहार में बजट सत्र के बीच सीबीआई की टीम अचानक पटना पहुंची। इसके बाद से सियासी अफरातफरी का माहौल है। बताया जा रहा है कि सीबीआई की टीम राजय की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर छापेमारी के लिए पहुंची है लेकिन अभी तक किसी ने इस बात की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई की टीम राबड़ी देवी के आवास पर छापेमारी के लिए नहीं बल्कि लैंड फार जॉब स्कैम मामले में पूछताछ के लिए पहुंची है। खास बात यह है कि जिस समय सीबीआई की टीम राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची ठीक उसी समय आरजेडी नेता तेजस्वी यादव बिहार के राजभवन में राज्यपाल की ओर से आयोजित अल्पाहर कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार सहित कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। तेजस्वी यादव कार्यक्रम में नीतीश कुमार के साथ प्रसन्न मुद्दा में बाचतीत करते भी नजर आ रहे हैं। दूसरी तरफ जानकारी यह है कि सीबीआई के राबड़ी आवास पर पहुंचने से पहले ही तेजस्वी यादव अचानक राजभवन से बाहर निकल गए थे। अंदाजा लगाया जा रहा था कि सीबीआई के पहुंचने से पहले ही तेजस्वी यादव को इस बात की जानकारी मिल गई थी कि सीबीआई की टीम आने वाली है। यही वजह है कि वो चुपचाप वहां से निकल लिए और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। यहां पर इस बात का भी जिक्र कर दें कि 26 दिसंबर 2017 को तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में कहा था कि अगर लालू जी बीजेपी से हाथ मिला लेते तो वो आज हिंदुस्तान के राजा हरीशचंद्र होते। तथाकथित चारा घोटाला दो मिनट में भाईचारा घोटाला हो जाता। अगर लालू जी का डीएनए बदल जाता। बता दें कि राबड़ी देवी बिहार की 3 बार और पहली महिला सीएम रह चुकी हैं। वह पूर्व सीएम और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पत्नी हैं। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव की वह मां हैं। बिहार विधानसभा में विपक्ष की नेता रह चुकी हैं। वर्तमान में वह विधान परिषद की सदस्य हैं। सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक 18 मई 2022 को सीबीआई ने लालू यादव राबड़ी देवी मीसा भारती सहित 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर भर्ती के बदले जमीन लेने के आरोपों के तहत की गई थी। यह नियुक्तियां साल 2004 से 2009 की अवधि के दौरान हुए थे। उस दौरान लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री थे। रेलवे के विभिन्न मंडलों के पदों पर समूह डी में भर्ती के दौरान नौकरी के बदले जमीन लि गए थे। इसके बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन की ली गई। जमीन पटना के एक निजी कंपनी के पक्ष में बतौर उपहार दी गई। यह भी आरोप है कि क्षेत्रीय रेलवे में एवजी की ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया। फिर भी नियुक्त किए गए पटना के निवासियों को मुंबई जबलपुर कोलकता जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में एवजी के रूप में नियुक्त किया गया। नौकरी के बदले जमीन ट्रांसफर की 7 घटनाएं हुईं। 5 मामलों में जमीन कम दाम पर बेची गई और 2 मामलों में जमीन गिफ्ट की गई। 3 जमीन राबड़ी देवी 1 मीसा भारती और 1 एके इंफोसिस्टमस प्राइवेट लिमिटेड को बेची गई। 2 जमीन लालू यादव की बेटी हेमा यादव को गिफ्ट किया गया। जमीन सर्किल रेट से भी कम दाम पर बेची गई जबकि मार्केट रेट सर्किल रेट से भी ज्यादा था। ज्यादातर मामले में जमीन की खरीदी कैश में दिखाई गई। वर्तमान में उस जमीनों की कीमत 4.40 करोड़ रुपए के के करीब है। जमीन के बदले 12 लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई।
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