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श्री अकाल तख्त साहिब के सामने लगे ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे
अमृतसर। खालसा दल ने खालिस्तान घोषणा की 37वीं वर्षगांठ मनाते हुए जमहूरी और शांतिपूर्ण तरीके से खालिस्तान के लक्ष्य को हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता जतायी है। खालसी दल ने कहा कि वह पंजाब के सभी धर्मों और वर्गों के लोगों को लेकर चलेगा।दल ने अकाल तख्त साहिब में अरदास की और खालिस्तान को अपनी जिंदगी का उद्देश्य बताया। इस दौरान दल खालसा के नेताओं ने अरदास करने के बद खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।गौरतलब है कि दमदमी टकसाल द्वारा गठित 5 मैंबरी पंथक कमेटी द्वारा 37 साल पहले 29 अप्रैल को अकाल तख्त साहिब से यह घोषणा जारी की थी और यूएनओ व भारत सहित सभी सदस्य देशों से राजनीतिक मान्यता मांगी गई थी। पार्टी के प्रवक्ता परमजीत सिंह मंड ने स्पष्ट किया कि खालिस्तान एक धर्म आधारित राज्य नहीं होगा। यह मुस्लिमों, हिंदुओं, ईसाइयों, दलितों, सिखों सबका सांझा और सभी पंजाबियों के लिए होगा। उन्होंने गैर-सिखों से अपील की कि वे किसी भी सरकारी प्रचार के बहकावे में न आएं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पंजाब में खालिस्तान की लहर न होने के दावे पर पंथक संगठन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अमित शाह को सिख आवाम में आजादी की भावनाओं का सही पता लगाने के लिए जून माह में पंजाब आना चाहिए। दल खालसा नेता कंवरपाल सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह को पूछा कि वह बताएं कि वह लहर को कैसे पारिभाषित करते हैं, अगर वे लहर की गैर मौजूदगी का अंदाजा इस आधार पर लगा रहे हैं कि पंजाब में खून-खराबा नहीं हो रहा, विस्फोट नहीं हो रहे और न ही कोई अफरा-तफरी का माहौल है, तो वह बड़ी भूल कर रहे हैं।
पार्टी अध्यक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के प्राकृतिक संसाधनों खासकर नदियों के पानी की लूट बदस्तूर जारी है, लोगों के जायज अधिकार और मौलिक आजादी स्टेट के रहमो कर्म पर हैं। सिखों के अलावा और कोई पंजाबी परेशान नहीं है। इस मौके पर गुरनाम सिंह मुनका, रणवीर सिंह, सुरजीत सिंह, रणजीत सिंह, बलवंत सिंह आदि मौजूद रहे।
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