- कर्नाटक में वोट फ्रॉम होम, 80 साल से अधिक और दिव्यांगों के ‎लिए चुनाव आयोग की पहल

बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इस बार वोट फ्रॉम होम की शुरुआत हो रही है। चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए ‘वोट फ्रॉम होम’  के तहत कर्नाटक में शनिवार से बैलेट पेपर से मतदान शुरू होने की घोषणा की है। चुनाव आयोग ने इस बार 80 साल से ऊपर के लोगों और दिव्यांग लोगों के लिए घर से मतदान करने की अनुमति दी है। चुनाव आयोग और मतदान एजेंटों की पांच सदस्यीय टीम उनके घर का दौरा करेगी और उनसे वोट लेगी। यह प्रक्रिया 29 अप्रैल से छह मई तक चलेगी। आयोग ने कहा ‎कि बुजुर्ग व ‎दिव्यांग मतदाताओं को अपने घरों में गुप्त रूप से मतदान करने के लिए मतपत्र प्रदान किए जाएंगे। मतदान के दौरान दो मतदान अधिकारी, एक माइक्रो ऑब्जर्वर, एक वीडियोग्राफर और पार्टी एजेंट सहित स्थानीय पुलिस मौजूद रहेगी। बैलेट वोटिंग सिस्टम चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मियों और पुलिस कर्मियों की देखरेख में होगा। मतदान समाप्त होने के बाद बैलेट बॉक्स को स्ट्रांग रूम में भेज दिया जाएगा। वोटों की गिनती 13 मई को की जाएगी। चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को अनुपस्थित मतदाताओं का विवरण देगा। इसके तहत पात्र मतदाताओं को मतदान के बारे में पहले से जानकारी दी जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। मतदान के बाद मतपेटी को मतगणना केंद्र के उच्च सुरक्षा कक्ष में भेजा जाएगा। 
मतदान प्रक्रिया के दौरान दो वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम को प्रत्येक घर में जाने की अनुमति है। चुनाव आयोग की टीम वरिष्ठ नागरिकों के घर पर जाएगी। अगर ऐसी स्थिति में मतदाता उपस्थित नहीं है तो चुनाव आयोग की टीम दोबारा उनके घर जाएगी, लेकिन अगर दूसरी बार मतदाता घर पर मौजूद नहीं है तो फिर उसे मतदान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ मतदान के दिन अनुपस्थित इन मतदाताओं को मतदान केंद्र पर भी नहीं आने दिया जाएगा। इस नई मतदान व्यवस्था का राज्य में लगभग 5.71 लाख दिव्यांगों और 80 वर्ष से अधिक आयु के 12,15,763 बुजुर्ग वोटरों को फायदा मिलेगा। 

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