- गहन जुड़ाव से हिंद-प्रशांत को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है: जयशंकर

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हिंद-प्रशांत एक जटिल और अलग परिदृश्य है जिसे अधिक गहन जुड़ाव के माध्यम से बेहतर रूप से समझा जा सकता है। जयशंकर दूसरे ईयू इंडो-पैसिफिक मिनिस्ट्रियल फोरम (ईआईपीएमएफ) में भाग लेने के लिए स्वीडन की अपनी पहली यात्रा पर स्टॉकहोम पहुंचे। यूरोपीय संघ (ईयू) हिंद-प्रशांत मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा ‎कि वैश्विक राजनीति की दिशा में तेजी से केंद्रीय भूमिका में पहुंच रहा है। यह जिन मुद्दों को उठाता है उनमें वैश्वीकरण के स्थापित मॉडल में निहित समस्याएं हैं। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण चीन और पूर्वी चीन सागर में चीन की सेना की आक्रामक कार्रवाई देखी जा रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि एक बहुध्रुवीय दुनिया, जिसे यूरोपीय संघ पसंद करता है, एक बहुध्रुवीय एशिया द्वारा ही संभव है। उन्होंने कहा ‎कि हिंद-प्रशांत के साथ इस तरह के जुड़ाव में, यूरोपीय संघ स्वाभाविक रूप से समान विचारधारा वाले भागीदारों की तलाश करेगा। भारत निश्चित रूप से उनमें से है। उन्होंने कहा ‎कि हिंद-प्रशांत एक जटिल और अलग परिदृश्य है जिसे अधिक गहन जुड़ाव के माध्यम से बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। जयशंकर ने कहा कि केवल संकट के समय तक सीमित ना रहकर हिंद-प्रशांत और भारत तथा यूरोपीय संघ को नियमित, व्यापक और सार्थक बातचीत की जरूरत है।

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