- इमरान ने गुस्से में अवाम को दे दी गाली, देश के नाम संदेश में हुए ट्रोल

इस्लामाबाद । पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुस्से में अवाम को ही गाली देकर देश के नाम संबोधन ‎किया। इस बात को लेकर उन्हें जमकर ट्रोल ‎किया जा रहा है। इमराम खान आजकल जबरदस्त गुस्से में हैं। पाकिस्तानी सेना को गालियां देते-देते उनकी जुबान इतनी ज्यादा खुल गई कि अब उन्होंने पाकिस्तान की अवाम को ही अपशब्द बोल दिया है। इमरान खान ने यह गाली किसी अनौपचारिक बातचीत में नहीं, बल्कि देश के नाम संबोधन के दौरान दी। उन्होंने सवाल पूछने के अंदाज में कहा कि पाकिस्तान की अवाम चू... है क्या। एक पूर्व प्रधानमंत्री और दशकों से राजनीति करने वाले राजनेता के मुंह से ऐसे गाली भरे गंदे शब्दों की खूब निंदा हो रही है। इसके ‎लिए पाकिस्तानी अवाम ही इमरान खान से सवाल पूछ रही है कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा। इमरान खान के इस बर्ताव का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
इमरान खान ने सेना पर निशाना साधते हुए कहा ‎कि आईएसपीआर के डीजी ने मेरे खिलाफ कई बातें की। मैं उनके जवाब देना चाहता हूं। आईएसपीआर ने कहा कि मैं दोगला हूं। मैं एक तरफ कहता हूं कि फौज मेरी है और दूसरी तरफ मैं फौज की बुराई करता हूं या जो भी भला-बुरा बोलता हूं। दूसरा आपने कहा कि कभी दुश्मन ने फौज को इतना नुकसान नहीं पहुंचाया जितना मैंने पहुंचाया। और तीसरा आपने कहा कि हम अब क्रश करेंगे। आईएएसपीआर साहब मेरी जरा गौर से बात सुनो। आप जब पैदा भी नहीं हुए थे, तब मैं अपने मुल्क को दुनिया में प्रतिनिधित्व करता था। मैंने अपने मुल्क का दुनिया में सर ऊपर किया, इज्जत दिलवाई। पता करवा लें कि क्या इमरान खान ने दुनिया में पाकिस्तान की इज्जत ऊपर की या नीचे की।
इमरान खान ने कहा ‎कि जब ओसामा बिन लादेन का एबटाबाद में वो हादसा हुआ, तब देश के बाहर पाकिस्तानियों पर जो गुजरी उसका अंदाजा नहीं लगा सकते। उन्होंने कहा कि हमारे से पैसे ले रहे हैं और उसी से अपनी एकेडमी के पास ओसामा को पाला हुआ है। उस वक्त हमें जो जिल्लत मिली, तब कौन बोला आपके लिए। या तो सांप सूंघ गया था। आर्मी चीफ के मुंह से चूं नहीं निकल रही थी। यहां तो कोई बोलता ही नहीं था, ना तो प्रधानमंत्री वो गिलानी था ना जरदारी, चार पांच दिन तक सन्नाटा छाया हुआ था। वो मारकर चले गए हमारे मुल्क में, दुनिया में जलील हुए हम। तब मैं बोला था, मैने सारी जगह फौज को डिफेंड किया। मेरे साढे़ तीन साल में देखें कि फौज का इमेज ऊपर था या नीचे था। फौज को लोग पसंद करते थे। जब एक आर्मी चीफ ने मेरी कमर में तो चाकू मारा, लेकिन बदनामतरीन मुजरिमों को आपके ऊपर बैठा दिया। तो क्या मेरी वजह से फौज को बुरा-भला कहा गया या उस आदमी की वजह से। क्या लोग चू... हैं। क्या लोगों में अकल नहीं है। क्या लोग बेवकूफ हैं कि जिधर आप लगाएंगे उधर लग जाएंगे।


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