- डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद से हटाए गए बृजभूषण शरण सिंह

नई दिल्ली  दिल्ली के जंतर मंतर पर यौन-उत्पीड़न के खिलाफ धरने पर बैठे पहलावनों के प्रदर्शन  20 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है। इस बीच पहलावनों को देशभर के लोगों से समर्थन मिल रहा है। पहलवानों के धरने में किसानों और खापों के शामिल होने से उनके आंदोलन को मजबूती मिली है। अब इसका असर भी दिखने लगा है। इंडियन ओलंपिक संघ  ने बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह सहित निवर्तमान पदाधिकारियों पर 13 मई को संघ की प्रस्तावित प्रशासनिक समारोह में हिस्सा लेने और आर्थिक कामकाज पर रोक लगा दी है। इंडियन ओलंपिक संघ का ये फैसला जंतर-मंतर पर देश के शीर्ष पहलवानों के धरने के मद्देनजर अहम माना जा रहा है। आईओए के इस फैसले से साफ है कि बृजभूषण शरण सिंह 13 मई 2023 से भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख नहीं रहे। आईओए ने इस मसले को लेकर एक बयान जारी कर किया है। आईओए ने अपने बयान में खेल मंत्रालय के 24 अप्रैल 2023 को जारी आदेश का हवाला दिया है। आईओए ने डब्ल्यूएफआई  से सभी दस्तावेज खातों और विदेश में होने वाली या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भेजी जाने वाली एंट्री का लॉगिन वेबसाइट संचालन तत्काल सौंपने को कहा है। बता दें कि खेल मंत्रालय ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनाव कानूनन अमान्य घोषित कर दिए थे। खेल मंत्रालय ने आईओए  की अस्थायी समिति को महासंघ के चुनाव कराने और उसके संचालन का जिम्मा भी सौंप दिया था। दूसरी तरफ एक दिन पहले यानी 12 मई 2023 को बृज भूषण शरण सिंह ने दिल्ली पुलिस के पास अपने बयान दर्ज कराए। उन्होंने खुद को बेगुनाह बताया है। बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह पर एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इस मसले को लेकर पहलवानों को पिछले 20 दिनों से जंतर मंतर पर धरना जारी है। 

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