- महाकाल लोक निर्माण में 80 प्रतिशत भ्रष्टाचार

धर्म की राजनीति करने वाली भाजपा सरकार ने कैसे किया महाकाल लोक में भ्रष्टाचार,
- जनता को बताएगी कांग्र्रेस, 
- जांच दल ने कमलनाथ को सौंपी रिपोर्ट
महाकाल लोक निर्माण में 80 प्रतिशत भ्रष्टाचार
कांग्रेस विधायक महेश परमार बोले, महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार को लेकर मेरी शिकायत दबा दी
दिग्विजय सिंह ने कहा 350 करोड़ कमलनाथ सरकार ने मंजूर किए
भोपाल । रविवार को तेज आंधी की वजह से महाकोल लोक की मूर्तियां टूटने को लेकर कांग्रेस ने जांच के लिए कमेटी बनाई थी। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट पीसीसी चीफ कमलनाथ को सौंप दिया है। रिपोर्ट में महाकाल लोक निर्माण में 80 प्रतिशत भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। धर्म की राजनीति करने वाली भाजपा सरकार ने महाकाल लोक के निर्माण में किस तरह लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर भ्रष्टाचार किया है यह बात कांग्रेस जनता को बताएगी।


गौरतलब है कि महाकाल लोक के निर्माण में शुरू से भ्रष्टाचार होने की बात सामने आती रही। तराना विधायक महेश परमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर विधानसभा में भी प्रश्न उठाया था और लोकायुक्त को भी शिकायत कर रखी है। विधायक परमार ने कहा कि मूर्तियां पाषाण अथवा धातु की लगाई जाना थी। जो शास्त्र सम्मत विधान भी हैं। मगर कमिशन व श्रेय लेने की होड़ में भाजपा सरकार व प्रशासन ने महालोक में गुणवत्ता विहिन कार्य करवाए हैं।


-फायबर की खोखली मूर्तियां लगा दी
महेश परमार ने कहा किमहाकाल महालोक के निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया है। धातु व पाषण की मूर्तियों के बजाए फायबर की खोखली मूर्तियां लगा दी गईं। यह मूर्तियां तेज हवा भी नहीं सह सकी और भारतीय जनता पार्टी व अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। एक तरह मां शिप्रा में गंदा पानी मिल रहा है तो दूसरी ओर महालोक में मूर्तियां गिर रही हैं। ये कैसी सरकार है। विधायक परमार ने कहा कि मूर्तियां स्थापित करने के समय प्रशासन का दावा था कि यह मूर्तियां सभी प्रकार के मौसम व आंधी, तूफान में सुरक्षित रहेंगी। मगर पहली आंधी व बारिश में ही भ्रष्टाचार युक्त निर्माण की पोल खुल गई। यहां तक की महाकाल लोक की सरफेस पार्किंग ठेके में भी हुए भ्रष्टाचार की लोकायुक्त में जांच लंबित है। इसमें कई अफसर भी शामिल हैं।


-भाजपा सरकार में निकले टेंडर में हुआ खेल
सज्जन सिंह ने कहा कि महाकाल मंदिर विकास के लिए भाजपा ने 97 करोड़ की कार्ययोजना तैयार की थी, लेकिन हमारी सरकार में कमलनाथ जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का धर्म स्थान बनाना है। तो ज्यादा राशि चाहिए होगी। तब कमलनाथ ने 300 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। भाजपा ने 97 करोड़ का टेंडर निकाला था। उस समय खेल हुआ था। वर्मा ने कहा कि टेंडर में 10 प्रतिशत की राशि को बढ़ाया जा सकता था। लेकिन भूपेंद्र सिंह ने टेंडर की राशि में 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी, जबकि प्रावधान केवल 10 प्रतिशत का है। वहीं नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि भारत सरकार की सबसे बड़ी जांच संस्था सीपैड ने अप्रूवल दिया है। मूर्तियों के निर्माण में कोई अनियमितता नहीं हुई है। कांग्रेस घटिया राजनीति करती है। कांग्रेस पार्टी ने ही टेक्निकल अप्रूवल दिया था और अगर घटिया निर्माण था तो कांग्रेस ने अपने सत्ता काल में पेमेंट क्यों किया था। उन्होंने कहा कि सप्तऋषि की खंडित मूर्ति के स्थान पर नई मूर्ति लगेगी।


-तीनों कंपनी गुजरात की
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि निर्माण करने वाली तीनों कंपनी गुजरात की है। सभी मूर्तियां बिल्कुल हल्की क्वालिटी की हैं। उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज ने महिमामंडन के लिए तेज गति पर ज्यादा ध्यान तो दिया, लेकिन गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि जो मूर्तियां लगी हैं, उसके प्रमाण में लेकर आया हूं। मूर्ति कमजोर मटेरियल की बनाई गई। मूर्तियों में जो स्टील लगाना था उसे नहीं लगाया गया। मूर्तियों की रिपेयरिंग बंद कमरे में किया जा रहा है। जबकि खंडित मूर्तियों को लगाना सनातन धर्म में वर्जित है। जो मूर्तियां बची हुई हैं, उनके कलर उतर रहे हैं। मूर्तियां अपनी जगह छोड़कर इधर-उधर हुए दिख रही हैं। विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मंत्री भूपेंद्र सिंह ने हम पर जो आरोप लगाया था आज उन का जवाब सभी सबूतों के आधार पर दे रहा हूं।भूपेंद्र सिंह ने स्वीकार किया कि महाकाल लोक कांग्रेस सरकार की देन है। अभी तक मोदी जी झूठ बोल रहे थे। पूर्व मंत्री कहा कि मैं भूपेंद्र सिंह को चैलेंज करता हूं। आप बोलो भोपाल में किस जगह आपको अपनी भाजपा की बेगुनाही साबित करना है आ जाओ। मैं आपके भ्रष्टाचार को साबित करके दिखाऊंगा। महाकाल लोक निर्माण में 80त्न भ्रष्टाचार किया गया है।


यह भी जानिये ..............................

अध्यादेश के समर्थन में संदीप दीक्षित बोले- 'दिल्ली की हैसियत और राज्यों से अलग, सीएम केजरीवाल फिर महा झूठ बोलकर...,'


-भाजपा ने गुजरात की कंपनी को दिया ठेका
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है। पूर्व सीएम और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि कमलनाथ सरकार ने महाकाल मंदिर विकास के लिए 350 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। दुर्भाग्य से सरकार जाने पर ठेका गुजरात के ठेकेदार को दे दिया। जिसका हश्र आपके सामने है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में सप्त ऋषि की मूर्तियों पर 45-45 लाख रुपए खर्च हुए। जो हवा के झोंके में गिर गई।


-अधिकारी और ठेकेदार पर हो कार्रवाई
पूर्व सीएम ने कहा कि हमारे विधायक महेश परमार महापौर का चुनाव लड़े। उनको एक हजार से कम वोटों से हेराफेरी कर चुनाव हरा दिया। उन्होंने लोकायुक्त में महाकाल लोक के भ्रष्टाचार की शिकायत की है। जिसकी जांच भी चल रही है। दिग्गी ने कहा कि इस मामले में ठेका ठेकेदार और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाना चाहिए। ठेकेदार को गिरफ्तार करने की आवश्यकता है। दिग्गी ने कहा कि भाजपा धर्म के नाम पर व्यवासाय करती है।


उन्होंने आरोप लगाया कि महाकाल परिसर में कीमती जमीन भाजपा ने अपने शासन में अलॉट कर दी थी। हमारी सरकार ने उसका अलॉटमेंट कैंसिल किया। अब फिर उन्होंने उस जमीन का व्यवसायीकरण कर दिया। हर जगह पैसा लिया जा रहा है। गेस्ट हाउस बनाया गया है, उसका दुरुपयोग किया जा रहा है। विकास के नाम पर सैकड़ों मकान गिरा दिए गए।  


Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag