लखनऊ । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा गरीबों को अपनी राजनीति का मोहरा बनाने का काम कर रही है। भाजपा सरकारें जनता की बातें नहीं सुनना चाहती है, वे सिर्फ अपने मन की बात सुनाती हैं। विपक्ष के प्रति उसका रवैया उपेक्षा का है। लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में उसका विश्वास नहीं है।
अखिलेश ने कहा कि आज देश को विकसित भारत बनने का खोखला सपना दिखाया जा रहा है। जिस देश में आज भी करोड़ों लोगों को दो वक्त की रोटी और रोजगार उपलब्ध न हो, अन्नदाता किसान कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर रहा हो और महिलाएं-बच्चियां रोज दुष्कर्म की शिकार हो रही हों, वहां गारंटी की घंटी बजाकर लोगों को धोखा देना कहां तक उचित है। उन्होंने कहा कि देश की नई पीढ़ी हताशा में डूबी हुई है। उसके पास न शिक्षा की व्यवस्था है और न ही रोटी-रोजगार की गारंटी है। देश में व्यापार और उद्योग जगत सरकारी हस्तक्षेप और उत्पीड़न से बुरी तरह परेशान है। उत्तर प्रदेश में निवेश के नाम पर 40 लाख करोड़ के एमओयू होने का दावा किया जा रहा है, पर अभी तक एक भी उद्योग नहीं लगा और न ही किसी को रोजगार मिला है। भाजपा सरकार ने अपनी छापामार एजेंसियों की बदौलत सब तरफ भय का वातावरण बना दिया है।
अखिलेश ने कहा कि जब चीन की घुसपैठ पर देश की सुरक्षा के लिए सुझाव मांगे गए, तब समाजवादी पार्टी ने यह सुझाव दिया कि सैन्य आपातकाल में शीघ्रातिशीघ्र सैनिक और सैन्य सामग्री भेजने के लिए ग्वालियर से लिपुलेक तक एक छह लेन सड़क बनाई जाए, लेकिन बात चार लेन से होकर सिंगल लेन पर पहुंच गई। आने-जाने के सिंगल लेन से तत्काल सैन्य आपूर्ति कैसे सुनिश्चित की जा सकती है। इस मार्ग से देश की सुरक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति के मानसरोवर के दर्शन का मार्ग भी सुगम होगा। इसलिए भाजपा सरकार इस पर पुनर्विचार करे, राजनीति नहीं।