- 'दूसरों की इज्जत को धूल समझते हो...', ADM के रूखे व्यवहार पर SP सांसद इकरा हसन का छलका दर्द

'दूसरों की इज्जत को धूल समझते हो...', ADM के रूखे व्यवहार पर SP सांसद इकरा हसन का छलका दर्द

अखिलेश यादव की एंट्री के बाद सपा सांसद इकरा हसन और सहारनपुर के एडीएम ई के बीच विवाद पर बयानबाजी तेज हो गई है। सपा सांसद ने इस मुद्दे पर सरकार को फिर घेरा है।
यूपी के कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन और सहारनपुर के एडीएम ई के बीच विवाद पर बयानबाजी तेज हो गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने की कोशिश की, जिस पर इकरा हसन की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने एडीएम के साथ हुए अभद्र व्यवहार पर अपना दर्द भी बयां किया है। उन्होंने कहा कि ये लोग कुर्सी के नशे में चूर हैं और भूल गए हैं कि ये हिंदुस्तान है।

अखिलेश यादव ने इस पूरे विवाद पर कहा था कि 'जो सांसद का सम्मान नहीं करते, वो जनता का क्या करेंगे।' सपा अध्यक्ष के इस पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए सपा सांसद इकरा हसन ने लिखा- 'जो कुर्सी के नशे में चूर हैं, वो दूसरों की इज्जत को धूल समझते हैं। वे भूल गए हैं कि यह हिंदुस्तान है, यहाँ औरतें नहीं, बल्कि संविधान है।'

जानिए- क्या है पूरा विवाद

दरअसल, यह पूरा मामला 1 जुलाई का बताया जा रहा है। इकरा हसन ने इस पूरी घटना की लिखित शिकायत भी की है। उन्होंने कहा कि एडीएम ई सहारनपुर का व्यवहार बेहद आपत्तिजनक था। यह मामला उनके संसदीय क्षेत्र का भी नहीं है और न ही वह महिला उनके क्षेत्र की थी। इकरा हसन ने कहा कि छुटमलपुर की एक महिला चेयरमैन हैं, वह बहुत परेशान थीं, वह एडीएम ई से मिलना चाहती थीं। मैं भी उस समय कलेक्ट्रेट के पास ही थी, इसलिए उन्होंने मुझे अपनी समस्या बताई। जिसके बाद उन्होंने महिला जनप्रतिनिधि की मदद करने की तैयारी की।

इकरा हसन ने कहा कि "मैंने खुद एडीएम ई को फोन किया लेकिन, तब मुझे बताया गया कि वह लंच पर गए हैं। जब वह साढ़े तीन बजे कार्यालय आए तो हमने अपनी बात उनके सामने रखी। उन्होंने हमसे लिखित में शिकायत देने को कहा लेकिन हम इस तरह से मामले को सुलझाना चाहते थे। इसके बाद एडीएम ने महिला चेयरमैन के साथ अभद्र व्यवहार किया। मेरे इतना कहने के बाद भी उनका व्यवहार वैसा ही रहा। जो मुझे आपत्तिजनक लगा।" आपको बता दें कि सपा सांसद ने इस मामले में एडीएम ई के व्यवहार की लिखित शिकायत भी की है। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारी को एक बार फिर से प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वह जनप्रतिनिधियों और खासकर महिलाओं से बात करने के लिए प्रशिक्षित हो जाएं। इकरा हसन ने कहा कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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