फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) और रॉयटर्स पर एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 दुर्घटना की प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट के बारे में भ्रामक खबरें चलाने का आरोप लगाया है। दोनों को नोटिस भी भेजा गया है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) और रॉयटर्स पर एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 दुर्घटना की प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट के बारे में भ्रामक खबरें चलाने का आरोप लगाते हुए दोनों मीडिया संगठनों को कानूनी नोटिस जारी किया है। FIP के अध्यक्ष कैप्टन सीएस रंधावा ने शनिवार (19 जुलाई, 2025) को कहा कि इन रिपोर्टों का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है और इनसे पायलटों की छवि को नुकसान पहुँचा है। AI-171 विमान दुर्घटना में 250 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई थी। भारतीय विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) इस मामले की जाँच कर रहा है।
कैप्टन रंधावा ने एएनआई से कहा, "मैं डब्ल्यूएसजे को पूरी तरह ज़िम्मेदार मानता हूँ। वे अपने निष्कर्ष निकालते हैं और उन्हें दुनिया भर में फैलाते हैं। क्या वे एक जाँच एजेंसी हैं? जब रिपोर्ट में ऐसा कुछ लिखा ही नहीं है, तो वे अपने निष्कर्ष कैसे निकाल सकते हैं?" उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट में पायलटों को ग़लत तरीके से दोषी ठहराया जा रहा है, जबकि शुरुआती रिपोर्ट में ऐसा कोई निष्कर्ष नहीं है।
'डब्ल्यूएसजे और रॉयटर्स माफ़ी माँगें'- एफआईपी
एफआईपी ने डब्ल्यूएसजे और रॉयटर्स से सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगने और अपनी रिपोर्टिंग के बारे में स्पष्टीकरण देने की माँग की है। कैप्टन रंधावा ने कहा, "हमने साफ़ तौर पर कहा है कि अगर वे माफ़ी नहीं माँगते और स्पष्टीकरण नहीं देते, तो हम आगे की कानूनी कार्रवाई करेंगे।"
एनटीएसबी ने भी जताई आपत्ति
अमेरिका के राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने भी मीडिया में जारी रिपोर्टों को जल्दबाज़ी में और अटकलों पर आधारित बताया है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी जाँच प्रक्रिया में समय लगता है और सभी को एएआईबी की आधिकारिक जाँच के नतीजे आने तक इंतज़ार करना चाहिए। एफआईपी अध्यक्ष ने एनटीएसबी के इस बयान का स्वागत किया और कहा कि इससे भारतीय पायलटों के खिलाफ लगाए जा रहे निराधार आरोपों पर विराम लगेगा।