बिहार चुनाव के दूसरे चरण में, एग्जिट पोल एनडीए को 63 और महागठबंधन को 42 सीटें मिलने का अनुमान लगा रहे हैं। 17 सीटों पर कांटे की टक्कर है और अंतिम नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएँगे।
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का एग्जिट पोल आ गया है। एबीपी लाइव के विशेषज्ञों ने इस एग्जिट पोल को तैयार किया है, जिसमें हर जिले की हर सीट की स्थिति, जीत-हार के समीकरण और चुनाव पर प्रमुख मुद्दों के प्रभाव का विवरण दिया गया है। 243 सीटों के लिए 150 से ज़्यादा पत्रकारों से राय ली गई है। आइए आपको बताते हैं कि किस सीट से कौन जीतेगा या हारेगा।
गया से भाजपा के प्रेम कुमार जीत रहे हैं!
गया जिले की 10 सीटों में से एनडीए को 2, जेडीयू को 1, हम को 2 और आरजेडी को 4 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि एक सीट पर कांटे की टक्कर है। गया शहर से भाजपा के प्रेम कुमार जीत रहे हैं। बेलागंज में जदयू की बेला देवी, अतरी में हम के रोमित कुमार और बोधगया में राजद के कुमार सर्वजीत या लोजपा के श्यामदेव पासवान के जीतने की संभावना है। शेरघाटी, इमामगंज और गुरुआ में भी कांटे की टक्कर की उम्मीद है।
जैनपुर में जदयू आगे, भभुआ में राजद आगे?
कैमूर जिले की चार सीटों में से एक सीट जदयू और एक राजद के जीतने की संभावना है, जबकि दो सीटों पर कांटे की टक्कर है। चैनपुर में जदयू आगे, भभुआ में राजद आगे, और मोहनिया व रामगढ़ में भी मुकाबला कड़ा है। रोहतास की सात सीटों में से एक सीट एनडीए के खाते में, तीन महागठबंधन के खाते में, और तीन सीटों पर कांटे की टक्कर है। सासाराम और नोखा में राजद आगे, और करहगर में बसपा के उदय प्रताप सिंह के जीतने की संभावना है। डेहरी और काराकाट में भी कांटे की टक्कर की उम्मीद है।
जहानाबाद में राजद और लोजपा की संभावित जीत?
औरंगाबाद की छह सीटों में से एनडीए को दो और महागठबंधन को तीन सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि एक सीट पर कड़ा मुकाबला है। गोह और ओबरा महागठबंधन के पक्ष में हैं, जबकि कुटुंबा में भी महागठबंधन आगे चल रहा है। अरवल, जहानाबाद और नवादा में सीटों का बंटवारा मिला-जुला है। अरवल में महागठबंधन के पास एक सीट है, जबकि दूसरी पर कड़ा मुकाबला है। जहानाबाद में राजद और लोजपा के रामविलास के जीतने की संभावना है। नवादा की पाँच सीटों में से चार महागठबंधन और एक एनडीए के पक्ष में जाती दिख रही है।
मधुबनी, जहाँ तीन-तीन सीटें हैं, भाजपा और जदयू के खाते में जाने की संभावना है।
भागलपुर की सात सीटों में से चार एनडीए और तीन महागठबंधन के खाते में जाने की संभावना है। बांका की पाँच सीटों में से तीन एनडीए के खाते में जाने की संभावना है, जबकि दो पर कड़ा मुकाबला है। जमुई की चार सीटों में से एक भाजपा, एक हम और दो राजद के खाते में जाने की संभावना है। सीतामढ़ी की आठ सीटों में से एनडीए को सात और राजद को एक सीट मिलने की उम्मीद है। शिवहर की एकमात्र सीट पर मुकाबला बेहद कड़ा है। मधुबनी में तीन-तीन सीटें भाजपा और जदयू को, जबकि एक-एक सीट राजद और कांग्रेस को मिल रही है। सुपौल की पाँच सीटों में से चार एनडीए और एक राजद को मिल रही है।
पूर्णिया और अररिया की सात और छह सीटों पर सीटों का बंटवारा मिला-जुला है। पूर्णिया में तीन एनडीए, तीन महागठबंधन और एक पर कड़ा मुकाबला है। अररिया में तीन एनडीए, दो महागठबंधन और एक पर कड़ा मुकाबला है।
पूर्वी चंपारण में एनडीए 12 सीटों पर आगे चल रही है।
कटिहार और किशनगंज में भी एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है। कटिहार की सात सीटों में से पाँच एनडीए और दो महागठबंधन के खाते में हैं। किशनगंज की चार सीटों में से तीन महागठबंधन और एक पर कड़ा मुकाबला है। पूर्वी और पश्चिमी चंपारण की 21 सीटों में से एनडीए को 15 और महागठबंधन को छह सीटें मिलने का अनुमान है। पूर्वी चंपारण में 12 सीटें भाजपा, जदयू, लोजपा और कांग्रेस के बीच बंटी हैं, जबकि पश्चिमी चंपारण की नौ सीटों में से एनडीए को छह और महागठबंधन को तीन सीटें मिलने का अनुमान है।
अंतिम नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएँगे।
एक्जिट पोल के अनुसार, दूसरे चरण में एनडीए को कुल 63 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन को 42 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि 17 सीटों पर मुकाबला बेहद कड़ा है। पार्टीवार आंकड़े बताते हैं कि भाजपा 31 सीटें, जदयू 23, राजद 26, कांग्रेस 12, लोजपा रामविलास 4 और वाम दल, वीआईपी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा दो-दो सीटें जीत रहे हैं। अंतिम नतीजों का इंतजार 14 नवंबर को किया जाएगा।