- सिख समुदाय के बारे में हरक सिंह रावत के बयान से विवाद खड़ा हो गया है; अब हरीश रावत ने अफ़सोस जताते हुए कहा है, "मैं गुरुद्वारे जाऊंगा..."

सिख समुदाय के बारे में हरक सिंह रावत के बयान से विवाद खड़ा हो गया है; अब हरीश रावत ने अफ़सोस जताते हुए कहा है,

कांग्रेस नेता हरीश रावत ने सिख समुदाय को लेकर हरक सिंह रावत के बयान पर नाराज़गी ज़ाहिर की है। उन्होंने ऐलान किया है कि वह 8 दिसंबर, 2025 को देहरादून के एक गुरुद्वारे में जूते साफ करने की सेवा करेंगे।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने पार्टी सहयोगी डॉ. हरक सिंह रावत के सिख समुदाय के बारे में दिए गए विवादित बयान पर खेद जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट लिखकर न सिर्फ़ बयान पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की, बल्कि गलती का प्रायश्चित करने का अपना तरीका भी बताया।

अपने पोस्ट में हरीश रावत ने लिखा, “गलती मानना ​​ही सच्ची सेवा है, और गुरु की शरण में झुकना ही सच्ची हिम्मत है। ज़बान की फिसलन कभी-कभी महंगी पड़ सकती है, और यही हमारे नेता डॉ. हरक सिंह रावत जी के साथ हुआ। सिख एक महान, बहादुर और सम्मानित समुदाय है, जो हमारे राष्ट्रीय सम्मान, साहस और बलिदान का प्रतीक है। अगर सोच, शब्द या कर्म से कोई गलती हो जाए, तो उसका प्रायश्चित करने का एक ही तरीका है - गुरु के चरणों में शरण लेना।”

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता से हुई गलती
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता से गलती हुई है, और वह व्यक्तिगत रूप से इससे दुखी हैं। इसलिए, उन्होंने तय किया है कि वह 8 दिसंबर, 2025 की शाम को देहरादून के रेस कोर्स स्थित गुरुद्वारा साहिब में शाम की संगत के दौरान जूते साफ करने की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह सेवा सिर्फ़ प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि गुरु के घर के प्रति सम्मान का प्रतीक है और सिख समुदाय के लिए उनकी भावनाओं की दिल से अभिव्यक्ति है।

पोस्ट पर खूब चर्चा हो रही है
हरीश रावत के इस ऐलान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। सोशल मीडिया पर भी इस पोस्ट पर खूब चर्चा हो रही है। कई लोग उनकी विनम्रता की तारीफ़ कर रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि यह कदम कांग्रेस पार्टी के अंदर बढ़ते मतभेदों को संभालने की भी एक कोशिश है। इस बीच, डॉ. हरक सिंह रावत के बयान को लेकर सिख समुदाय में नाराज़गी देखी गई थी, हालांकि हरीश रावत की सार्वजनिक माफ़ी के बाद स्थिति थोड़ी शांत होती दिख रही है।

कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पार्टी किसी भी ऐसे बयान का समर्थन नहीं करती जिससे किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे। इस बीच, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि हरीश रावत का यह कदम आने वाले दिनों में पार्टी की इमेज सुधारने में अहम भूमिका निभा सकता है।

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