- AI ग्राइंड इवेंट में सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, 'सरकार अकेले प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ सकती।'

AI ग्राइंड इवेंट में सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, 'सरकार अकेले प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ सकती।'

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 'दिल्ली AI ग्राइंड' में AI इनोवेशन को सपोर्ट किया और दिल्ली के गंभीर वायु प्रदूषण पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्रदूषण एक "पुरानी समस्या" है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज दिल्ली में हुए 'दिल्ली AI ग्राइंड' कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहाँ उन्होंने टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन को बढ़ावा देने की बात की और साथ ही राजधानी के गंभीर वायु प्रदूषण पर चिंता भी जताई।

प्रदूषण के मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि प्रशासनिक प्रयासों के साथ-साथ दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए लोगों की सक्रिय भागीदारी भी उतनी ही ज़रूरी है। उन्होंने माना कि प्रदूषण की समस्या दशकों पुरानी है—एक "पुरानी समस्या"—जिसे हल करने में समय लगेगा, और इसमें 27 महीने तक लग सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने साफ किया कि प्रदूषण जैसी जटिल चुनौती को सिर्फ़ सरकार के दायरे में रहकर हल नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि समाधान दो स्तरों पर होना चाहिए:

सरकारी नीति और उसका लागू होना।
आम नागरिकों द्वारा व्यवहार में बदलाव।
उन्होंने नागरिकों से ट्रैफिक से होने वाले स्मॉग को कम करने के लिए कारपूलिंग और पब्लिक ट्रांसपोर्ट अपनाने का अनुरोध किया। उन्होंने सर्दियों में घरों में अलाव जलाने पर तुरंत रोक लगाने की भी अपील की, यह कहते हुए कि यह हवा की क्वालिटी को और खराब करता है। उन्होंने दोहराया कि सरकार कोशिश कर रही है, लेकिन सफलता साझेदारी से ही मिलेगी।

AI इनोवेशन के लिए एक नया प्लेटफॉर्म
प्रदूषण के मुद्दे पर बात करने के साथ-साथ, मुख्यमंत्री ने 'दिल्ली AI ग्राइंड' के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर युवाओं को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना के टेस्ट पायलट शुभांशु शुक्ला और शिक्षा मंत्री आशीष सूद भी मौजूद थे।

AI में छात्रों का उत्साह
इस प्लेटफॉर्म पर, दिल्ली सरकार के स्कूलों के हजारों बच्चों ने AI-आधारित मॉडल, SDG (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स) थीम वाली प्रदर्शनियाँ, नुक्कड़ नाटक और विभिन्न कला गतिविधियाँ दिखाईं।

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली तेज़ी से AI क्रिएटर्स की एक नई पीढ़ी तैयार कर रही है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम फरवरी 2026 में होने वाले ग्लोबल AI समिट से पहले एक "पर्दा उठाने" जैसा है, जिसका मकसद स्कूलों को AI-आधारित इनोवेशन के लिए प्रेरित करना है। IAF टेस्ट पायलट शुभांशु शुक्ला ने भी बच्चों के AI मॉडल्स की तारीफ की और सुझाव दिया कि ऐसे इनोवेशन देश के दूसरे शहरों में भी अपनाए जाने चाहिए। सरकार का मानना ​​है कि 'दिल्ली AI ग्राइंड' जैसी पहल छात्रों को असल दुनिया की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करेंगी, जिससे भविष्य में दिल्ली को एक ग्लोबल AI हब बनाने में मदद मिलेगी।

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