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सुदामा को भगवान से बहुत प्रेम था : देवी संध्या जी
किशूपुरा में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का हुआ समापन
भिण्ड। अटेर क्षेत्र के किशूपुरा ग्राम में महिला सत्संग शिक्षा मण्डल की अध्यक्ष सुशीला देवी द्वारा श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन कराया जा रहा है। जिसके समापन दिवस पर भागवताचार्य देवी संध्या ने सुदामा चरित्र का वर्णन किया गया। भागवताचार्य देवी संध्या जी ने कहा कि सुदामा बहुत संतोष धन प्राप्त था, उनके पास जो भी था उसी में उन्हें संतोष था। पत्नी सुशीला पति ब्रता थी, परिवार की दीन हीन दशा देखकर सुशीला अपने पति सुदामा से अपने मित्र कृष्ण के पास जाने को कहती है। तीन मुट्ठी चावल सुदामा जी को देती है कि अपने मित्र को भेंट में देना। भगवान तो दीनदयाला हैं, सब पर कृपा करते हैं, सुदामा द्वारिकापुरी पहुंचते हैं, तो द्वारपाल कृष्ण को सूचना देते हैं कि आपका मित्र सुदामा आया है। भगवान दौड़े चले आते हैं, अपने मित्र को हृदय से लगाते हैं, सुदामा की दीन दशा देखकर भगवान की आंखों में आंसू आ जाते हैं। कृष्ण कहते हैं तुमने आने में बहुत देर कर दी। संकोच वश सुदामा चावल की पोटली छिपाते हैं, परंतु भगवान से क्या छिपा है, वे तो सर्वशक्तिमान हैं, सबके हृदय की जानने वाले हैं, उन्होंने सुदामा से चावल लेकर दो मुट्ठी चावल खा लिए और सुदामा को धन धान्य से समृद्ध कर दिया। श्रीमद् भागवत कथा में पूर्व पार्षद गिरजेश दुबे, मौनी बाबा अहरौली घाट के अलावा काफी तादात में श्रोतागण भागवत कथा का श्रवण करने पहुंचे।
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