- कैमूर वन्यजीव बिहार में तीन वर्ष में कम हो गये 114 काले हिरण


हलिया (मिर्जापुर)  ।  वन्यजीव कैमूर अभ्यारण्य क्षेत्र हलिया क्षेत्र में पाये जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के जानवरों के शिकार व अबैध काटन अतिक्रमण के कारण जंगली जानवर धीरे धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं। एक समय था कि कैमूर वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में काले हिरण, भालू आदि जंगल में विचरण करते थे जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए हलिया वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र बनाया गया लेकिन वन्यजीवों के संरक्षण के अभाव में काले हिरण के साथ अन्य जंगली जानवर दिखाई नहीं दे रहे हैं। कैमूर वन्यजीव बिहार क्षेत्र में बीते तीन वर्षों में कुल 114 काले हिरण कम हो गये है। जंगली जानवरों की जो संख्या है वह सिर्फ कागजों में ही दिखाई दे रही है। कैमूर वन्यजीव बिहार क्षेत्र 95 हेक्टेयर से अधिक है जो पड़ोसी जनपदों के अलावा मध्यप्रदेश से सटा हुआ है। पिछले कुछ वर्षों से वन क्षेत्र में अबैध खनन, परिवहन,कटान के चलते जंगल विरान हो गया है। वन्यजीव बिहार की ओर से प्रत्येक तीन वर्ष में जंगली जानवरों की गणना कराई जाती है ।

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वर्ष 2019 में हुई गणना के अनुसार कैमूर वन्यजीव बिहार मिर्जापुर, सोनभद्र ,महोबा,देवगढ, ललितपुर, चित्रकूट को मिलाकर काले हिरण कि संख्या 624 रही जो 2022 में घटकर 510 रह गई ।2022 में हुए गणना पर गौर करें तो नर मादा को मिलाकर गुलादार 20,चिंकारा 133, सुकर,हिरन, गाड़ा 20,वनरोज 1528,संभार 211,चीतल 627,भालू 105,सुअर 725,बंदर 1774,लंगूर 2069,मगर 23,है।इस संबंध में प्रभागीय वनाधिकारी अरविन्द यादव कैमूर वन्यजीव बिहार ने बताया कि वन्यजीव क्षेत्र में जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। जानवरों के देखभाल के लिए वाच टावर लगाए गए हैं जंगली जानवरों के पानी के लिए चेकडैम वाटर होल बनाए गए हैं। 

 

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