- उत्पादन बढ़ने से जीरे की कीमतों में आई गिरावट

नई दिल्ली पिछले साल जीरे की महंगाई से परेशान उपभोक्ताओं को साल 2024 में राहत मिल रही है। जीरे का उत्पादन बढ़ने से इसकी कीमतों में गिरावट आ रही है। इस महीने जीरे के भाव 10 फीसदी से ज्यादा गिर चुके हैं। बताया जा रहा हैं कि जीरे की कीमतों में आगे भी सुस्ती रह सकती है। पिछले साल जीरे के भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच कर 65 हजार रुपये प्रति क्विंटल पार कर गए थे। इस माह जीरे के भाव में सुस्ती देखने को मिल रही है। बीते 15 दिन से जीरे के भाव लगातार गिर रहे हैं। कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज पर 11 मार्च को जीरे के अप्रैल अनुबंध ने 26,540 रुपये के भाव पर दिन का उच्च स्तर छुआ था। इसके बाद यह अनुबंध गिरकर आज 23,415 रुपये प्रति क्विंटल पर दिन के निचले स्तर पर पहुंच गया। इस तरह बीते 15 दिन में जीरे के वायदा भाव 10 फीसदी से ज्यादा घट चुके हैं। इस दौरान जीरा की अहम मंडी ऊंझा में जीरे के थोक भाव 26,500 रुपये से घटकर 24,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। इस साल जीरे के उत्पादन में काफी वृद्धि होने का अनुमान है। कारोबारी अनुमान के मुताबिक इस साल देश में 90 से 95 लाख बोरी जीरे का उत्पादन हो सकता है। पिछले साल 55 से 60 लाख बोरी (55 किलो)उत्पादन हुआ था। इस तरह इस साल जीरे के उत्पादन में 60 फीसदी से ज्यादा इजाफा हुआ है। कमोडिटी जानकारों के अनुसार जीरा सस्ता होने की वजह उत्पादन बढ़ने के कारण जीरे की आवक बढ़ना है। इस साल जीरे का उत्पादन काफी ज्यादा हुआ है और इस समय जीरे की आवक जोरों पर हैं। इसलिए आवक बढ़ने से जीरे के दाम गिर रहे हैं। इस महीने 25 मार्च तक मंडियों में 68,513 टन जीरे की आवक हो चुकी है, जो पिछली समान अवधि में हुई 53,179 टन आवक से 28.83 फीसदी ज्यादा है। मुख्य उत्पादक राज्य गुजरात में आवक में करीब 30 फीसदी और राजस्थान में करीब 20 फीसदी इजाफा हुआ है।

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