- यही आलम रहा तो पेट्रोल से महंगा बिकेगा दूध गर्मी आते ही दूध के दाम में आया मनमाना उछाल

अगर ऐसा ही चलता रहा तो साल खत्म होने के पहले जबलपुर में डीजल और दूध के रेट एक समान हो जाएंगे। हर साल गर्मी में दूध के दाम बढ़ाने का सिलसिला बदस्तूर जारी हैं। इस साल सीजन में फिर दूध के दाम बढ़ा दिए गए है। कही ६८ रुपए तो कही ७० रुपए लीटर के भाव से दूध बेचा जा रहा हैं। अब जनमानस की अपेक्षा है कि जिस तरह शिक्षा माफिया पर लगाम कसी हैं जिला प्रशासन दूध माफिया पर एक्शन ले। शिक्षा माफिया में भोपाल से आदेश जारी होने के बाद प्रशासन हरकत में आया था लेकिन दूध माफिया के खिलाफ न शासन को प्रिâक है और न स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कोई सुध हैं। इसलिए दूध माफिया बेप्रिâक होकर दूध का निर्यात किया जा रहा है। इस मनमानी को रोकने में न तो जिला प्रशासन को दिलचस्पी है और न सत्ता धारी भाजपा नेता सवाल उठा रहे हैं। शासन प्रशासन पक्ष विपक्ष के मौन और डेयरी माफिया के साथ मिलीभगत के चलते आज जबलपुर में दूध ७० रुपये कर दिया गया है। जिसके बाद लस्सी ४० रुपये तक और छेना की मिठाई आदि दूध निर्मित उत्पाद के दाम भी कई गुना तक बढ़ा दिये गये हैं। जबलपुर में अचानक हुई इस वृध्दि को लेकर जिला प्रशासन चुप्पी साधे हुये है। गौरतलब है कि दूध दैनिक उपभोग का मूलभूत आवश्यकता है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक चाय से लेकर दवाओं तक हर जगह दूध को कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में दूध के दाम बेलगाम हो रहे हैं तो बच्चों से लेकर बीमार बुजुर्ग तक सब परेशान हो रहे है। इस परेशानी से न तो सत्ताधारी विधायकों और नेताओं को मतलब है और न जनहित के लिये संघर्ष का दावा करने वाले विपक्ष नेता इस तरफ ध्यान दे रहे हैं। मिलावट चरम पर... जबलपुर प्रशासन ने कई बार दावा किया कि वो दूध में मिलावट खोरी रोकने के लिये जांच दल बनाएगी, जांच केन्द्र बनाएगी प्रभावी कार्यवाही करेगी। लेकिन आज की तारीख तक दूध में मिलावट खोरी कम होने की बजाए बढ़ती चली गई। आज स्थिति यह है कि ६५-७० रुपये चुकाने के बाद भी शहरवासी सिंथेटिक, पानी और वैâमिकल मिला जहरीला दूध पी रहे हैं।

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