- मायावती ने जातिगत समीकरणों को आधार बना सजाई सियासी फील्डिंग

-बारामती लोकसभा सीट पर पवार परिवार की लड़ाई का फायदा उठाने का प्रयास नई दिल्ली। महाराष्ट्र के बारामती लोकसभा सीट पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। बारामती इलाके में पवार वर्सेज पवार की लड़ाई है। इस लड़ाई के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जातिगत समीकरणों को आधार बनाकर यहां सियासी फील्डिंग सजाने का दावा कर रही है। बसपा नेता मानते हैं कि उनको दोनों पवार परिवार में हुई लड़ाई का फायदा मिलने वाला है। इसके अलावा बसपा जातिगत समीकरणों के आधार पर खुद को इस लड़ाई में मान रही है। पार्टी का मानना है कि मीडिया महाराष्ट्र में बसपा को हल्के में ले रही है, लेकिन यहां पर सियासी परिणाम चौंकाने वाले आएंगे। चुनाव प्रचार खत्म होने से कुछ घंटे पहले बसपा में एक बड़ी जनसभा की। इस जनसभा में मौजूद महाराष्ट्र पश्चिम के जोन प्रभारी कालू राम चौधरी ने कहा कि बारामती लोकसभा सीट के इतिहास को अगर आप देखेंगे, तो पता चलेगा कि यह बसपा का गढ़ रही है । यहां पर हाथी चुनाव चिन्ह से एमपी भी चुने गए हैं और एमएलए भी। यह तो मीडिया है, जो उनको चुनावी लड़ाई में शामिल नहीं करता है। बसपा ने इस सीट पर प्रियदर्शनी कोकरे को प्रत्याशी बनाया है। कोकरे धनकर समाज से आती हैं और 23 लाख में इस लोकसभा क्षेत्र में साढ़े छह लाख वोटर धनकर समाज का है। इसके अलावा दलित और मुस्लिम समाज भी उनके साथ है। इसके अलावा दोनों पार्टियां, जो यहां पर पहले से मैदान में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं, लेकिन यहां पर पवार वर्सेस पवार की लड़ाई हो गई। तो वह नाराज लोग भी तो हमारे साथ आ गए हैं। इसलिए यह कहना कि बसपा यहां पर कमजोर है गलत है। बसपा यहां पर मजबूत स्थिति में है। परिणाम चौकाने वाले हो सकते हैं। सभा में बाबू पवार ने कहा कि बारामती में पवार परिवार ने विकास के नाम पर कुछ नहीं किया। जो घोटाले किए गए थे उससे डरकर अजित पवार भाजपा के साथ मिल गए। इसकी जानकारी महाराष्ट्र में बच्चे-बच्चे को है। इसलिए यहां की जनता ने इस बार बसपा के पक्ष में मतदान करने का मन बना चुकी है। जनसभा को संबोधित करते हुए धनकर समाज से यशवंत ब्रिगेड के प्रमुख ने कहा कि बारामती का धनखड़ समाज पूरी तरीके से बसपा के साथ जुड़ चुका है। पवार परिवार सिर्फ अपने घर की लड़ाई लड़ रहा है। जबकि यह इलाका पानी जैसी मूलभूत सुविधा से जूझ रहा है। अब यहां पर कोई अपनी बेटी के लिए लड़ाई लड़ रहा है, तो कोई अपनी पत्नी के लिए लड़ाई लड़ रहा है। जनता की जरूरत और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए तो कोई लड़ ही नहीं रहा है। बसपा के जिला सचिव उमेश ने कहा यहां से दस किलोमीटर दूर उनका गांव है। वहां जाकर देखिए लोग पानी के लिए कैसे तरसते हैं। अजित दादा, जो यहां पर विकास की बात करते हैं वह बहुत सीमित है। उस विकास का न तो इलाके में कोई असर है और न ही बारामती शहर में। यहां का युवा नौकरी के लिए दूसरे शहरों में जा रहा है। जो इंडस्ट्रियल एरिया डेवलप हुआ है, वहां पर उनके क्षेत्र के लोगों को नौकरियों नहीं दी गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रचार के लिए 500-500 रुपये खर्च करके यूपी और बिहार से आने वाली महिलाओं को क्षेत्र में ले जाया जाता है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बसपा में आकाश आनंद ने एंट्री ली है, उससे उनकी पार्टी को बड़ा फायदा होने वाला है। हमारे सभी कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत झोंक कर बारामती में सियासी माहौल बना लिया है। यह सीट बसपा ही जीतेगी।

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