- मप्र हाईकोर्ट का अहम आदेश, अनुदान प्राप्त स्कूलों में नई भर्ती होने वाले कर्मचारियों को वेतन देना सरकार की जिम्मेदारी नहीं

मप्र हाईकोर्ट का अहम आदेश, अनुदान प्राप्त स्कूलों में नई भर्ती होने वाले कर्मचारियों को वेतन देना सरकार की जिम्मेदारी नहीं

हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक जैन की सिंगल बेंच ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त करने वाली शिक्षण संस्थाएं किसी व्यक्ति को अनुकंपा के आधार पर नियुक्त कर सकती हैं, लेकिन उन्हें उसके वेतन और अन्य सुविधाओं का खर्च खुद उठाना होगा। इस तरह यह स्पष्ट है कि अनुदान प्राप्त स्कूलों में नए भर्ती हुए लोगों को वेतन देना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है।

जबलपुर (मप्र हाईकोर्ट)। हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक जैन की सिंगल बेंच ने जबलपुर निवासी कौशल कुमार कुशवाह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त करने वाली शिक्षण संस्थाएं किसी व्यक्ति को अनुकंपा के आधार पर नियुक्त कर सकती हैं, लेकिन उन्हें उसके वेतन और अन्य सुविधाओं का खर्च खुद उठाना होगा। इस तरह यह स्पष्ट है कि अनुदान प्राप्त स्कूलों में नए भर्ती हुए लोगों को वेतन देना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है।

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मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए किया आवेदन

जबलपुर निवासी याचिकाकर्ता कौशल कुमार कुशवाह ने बताया कि उनके पिता सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूल में पदस्थ थे, जिनकी मृत्यु के बाद उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। सितंबर 2017 में जारी आदेश में जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा था कि स्कूल अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति कर सकते हैं, लेकिन वेतन कौन देगा, यह सरकार के निर्णय पर आधारित है।

अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने का प्रावधान

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि राज्य सरकार ने ही सरकारी सहायता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों को सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रितों में से किसी एक को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने का प्रावधान दिया है। इस पर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि अब नियम बदल दिए गए हैं। इन संशोधित नियमों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।

अनुदान प्राप्त इन स्कूलों के कर्मचारियों पर संशोधित नियम लागू नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अनुदान प्राप्त स्कूलों के वर्ष 2000 से पहले भर्ती हुए कर्मचारियों पर संशोधित नियम लागू नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने आदेश जारी किया कि अनुदान प्राप्त स्कूलों में किसी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने या अन्य किसी कारण से नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। रिक्त पदों को समाप्त कर दिया जाएगा तथा पद पर नवनियुक्त व्यक्ति को वेतन एवं भत्ते के लिए अनुदान नहीं दिया जाएगा।

सहायता प्राप्त विद्यालयों में पदों को मृतप्राय संवर्ग घोषित करने का निर्णय

सभी तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने सहायता प्राप्त विद्यालयों में पदों को मृतप्राय संवर्ग घोषित करने का निर्णय लिया है तथा रिक्त पदों पर किसी नई नियुक्ति की अनुमति नहीं दी जा रही है, लेकिन विद्यालय अपने स्तर पर नियुक्तियां कर सकते हैं। इस संबंध में वेतन संबंधी सहायता के लिए राज्य सरकार की ओर देखने की आवश्यकता नहीं है।

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